PM नरेंद्र मोदी ने रेलवे को दी ₹41,000 करोड़ की 2,000 से ज़्यादा परियोजनाओं की सौगात

ऑनलाइन कॉन्फ्रेस के ज़रिए पीएम ने इन परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इस दौरान केंद्रीय रेल मंत्री भी मौजूद थे. एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, एक ही बार में 2000 परियोजनाएं शुरू होने के साथ, भारत अपने रेलवे बुनियादी ढांचे में एक बड़े बदलाव का गवाह बनने जा रहा है.

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भारतीय रेलवे के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय रेलवे के 41 हजार करोड़ रुपये की कई रेल परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. PM नरेंद्र मोदी ने रेलवे को दी ₹41,000 करोड़ की 2,000 से ज़्यादा परियोजनाओं की सौगात. पीएम मोदी ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि ये देश के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि  यात्रा को बेहतरीन बनाने के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 553 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा.

पीएम नरेंद्र मोदी के इस फैसले से देश के 27 राज्यों के 553 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प पूरी तरह से बदल जाएगा. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, आज का दिन ऐतिहासिक है. उन्होंने लिखा है यात्रा को बेहतरीन और सुखद बनाने के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 553 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा. 

ऑनलाइन कॉन्फ्रेस के ज़रिए पीएम ने इन परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इस दौरान केंद्रीय रेल मंत्री भी मौजूद थे. एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, एक ही बार में 2000 परियोजनाएं शुरू होने के साथ, भारत अपने रेलवे बुनियादी ढांचे में एक बड़े बदलाव का गवाह बनने जा रहा है.

27 राज्यों में 553 रेलवे स्टेशन के रीडिवेलपमेंट 

महाराष्ट्र के 56, गुजरात 46, आंध्रप्रदेश के 46, तमिलनाडु के 34, बिहार के 33, मध्यप्रदेश के 33, कर्नाटक के 31, झारखंड के 27, छत्तीसगढ़ के 21, ओडिशा के 21 और राजस्थान के 21 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास शामिल है.

इसके अलावा 1500 रोड ओवरब्रिज और अंडरपास के आधारशिला रखने से लेकर उद्घाटन भी पीएम मोदी करेंगे.  इसमें उत्तरप्रदेश में 252, महाराष्ट्र में 175, मध्यप्रदेश में 133, गुजरात में 128, तमिलनाडु में 115, राजस्थान में 106, छत्तीसगढ़ के 90 और झारखंड में 83 प्रोजेक्ट्स शामिल हैं.

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‘रूफ प्लाजा' की शुरुआत होगी

अमृत भारत स्टेशन योजना भारतीय रेलवे के स्टेशनों को विकसित करने के लिए शुरू की गई थी. ‘रूफ प्लाजा' की परिकल्पना स्टेशनों की छत या ऊपरी हिस्सों में फूड कोर्ट, छोटे बच्चों के खेलने के लिए छोटी-सी जगह और स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए एक स्थान के रूप में विकसित करने के रूप में की गई है.

लोगों की सुविधाओं का ख़ास ख्याल

इसमें स्टेशनों तक पहुंच, प्रतीक्षालयों, शौचालयों, लिफ्ट या एस्केलेटरों में सुधार, स्वच्छता, मुफ्त वाईफाई, ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद' जैसी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क, बेहतर यात्री सूचना प्रणाली के माध्यम से स्टेशनों पर सुविधाओं में सुधार के लिए मास्टर प्लान तैयार करना और चरणों में उनका कार्यान्वयन शामिल है. इस योजना में प्रत्येक स्टेशन पर आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कार्यकारी लाउंज और व्यावसायिक बैठकों के विशिष्ट स्थान का निर्माण भी शामिल है.

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ये होंगी सुविधाएं

इसमें भवनों के सुधार, स्टेशनों को शहरों के दोनों ओर एकीकृत करने, मल्टीमॉडल एकीकरण, विकलांग व्यक्तियों के लिए सुविधाएं, गिट्टी रहित पटरियों के प्रावधान, आवश्यकता के अनुसार रूफ प्लाजा, चरणबद्धता और व्यवहार्यता और दीर्घावधि में स्टेशन पर सिटी सेंटर के निर्माण की परिकल्पना की गई है.

इस योजना में निधियों की उपलब्धता और मौजूदा परिसंपत्तियों की स्थिति के अनुसार सतत और पर्यावरण अनुकूल समाधानों के लिए क्रमिक बदलाव की परिकल्पना की गई है.

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सुगम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, इसमें सड़कों को चौड़ा करने, अवांछित संरचनाओं को हटाने, ठीक से डिजाइन किए गए संकेतक, समर्पित पैदल रास्ते, सुनियोजित पार्किंग क्षेत्र और बेहतर प्रकाश व्यवस्था का भी प्रस्ताव है.

इस योजना के तहत सभी श्रेणी के स्टेशनों पर उच्च स्तरीय प्लेटफार्म (760 से 840 मिलीमीटर) की परिकल्पना की गई है. योजना के अनुसार, प्लेटफार्मों की लंबाई आम तौर पर 600 मीटर होगी.

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