सरदार वल्लभभाई पटेल 1947 में चाहते थे कि सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस ले ले : प्रधानमंत्री
गुजरात दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधीनगर पहुंचे. यहां उन्होंने 'गुजरात शहरी विकास योजना' के 20वीं वर्षगांठ समारोह में हिस्सा लिया. प्रदेश को करोड़ों की सौगात दी और एक बार फिर ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाने के लिए सेना के शौर्य की प्रशंसा की. उन्होंने आजादी के समय हुई गल्तियों का भी जिक्र किया.
- देश भक्ति का ज्वार है: जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं 2 दिनों से गुजरात में हूं. कल मैं वडोदरा, दाहोद, भुज, अहमदाबाद गया और आज गांधीनगर. मैं जहां-जहां गया ऐसा लग रहा है देश भक्ति का ज्वार है. गर्जना करता सिंदुरिया सागर और लहराता तिरंगा जन मन के हृदय में मातृभूमि के प्रति अपार प्रेम ऐसा नजारा था ऐसा दृश्य था. ये सिर्फ गुजरात में ही नहीं हिंदुस्तान के कोने-कोने में है."
- देश के 3 टुकड़े कर दिए गए: पीएम ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का जिक्र किया. उन्होंने कहा "1947 में जब मां भारती के टुकड़े हुए, 'कटनी चाहिए थी जंजीरें लेकिन काट दी गई भुजाएं'. देश के 3 टुकड़े कर दिए गए. उसी रात पहला आतंकवादी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ. मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर मुजाहिदीनों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया.
- सरदार साहब की बात मानी नहीं गई: पीएम ने कहा अगर उसी दिन इन मुजाहिदीनों को मौत के घाट उतार दिया गया होता, सरदार पटेल की इच्छा थी कि जब तक PoK वापस नहीं आता है सेना रुकनी नहीं चाहिए लेकिन सरदार साहब की बात मानी नहीं गई. ये मुजाहिदीन जो लहू चख गए थे वे सिलसिला 75 साल से चला आ रहा है.
- पाकिस्तान भारत से नहीं जीत सकता: मोदी ने कहा, पहलगाम में भी उसी का विकृत रूप था. 75 साल तक हम झेलते रहे. पाकिस्तान के साथ जब युद्ध की नौबत आई तीनों बार भारत की सैन्य शक्ति ने पाकिस्तान को धूल चटाई. पाकिस्तान समझ गया है कि वे भारत से जीत नहीं सकता है."
- ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए: पीएम ने कहा, पाकिस्तान समझ गया कि लड़ाई में वो भारत से जीत नहीं सकता है. इसलिए उसने प्रॉक्सी वॉर चालू किया. सैन्य प्रशिक्षण होता है, सैन्य प्रशिक्षित आतंकवादी भारत भेजे जाते हैं और लोगों को निशाना बनाते हैं. उन्हें जहां मौका मिला वो मारते रहे और हम सहते रहें... क्या हमें अब यह सहना चाहिए? क्या गोली का जवाब गोली से देना चाहिए? ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए?
- 22 मिनट के आतंकवादी ठिकाने नष्ट किए: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "जिसे हम आज तक प्रॉक्सी युद्ध कहते थे, 6 मई के बाद जो दृश्य देखने को मिले, उसके बाद हम अब इसे प्रॉक्सी युद्ध कहने की गलती नहीं कर सकते. कारण यह है कि जब मात्र 22 मिनट के भीतर 9 आतंकवादी ठिकानों की पहचान कर उन्हें नष्ट कर दिया गया, तो यह एक निर्णायक कार्रवाई थी.
- आतंकवादी गतिविधि प्रॉक्सी वॉर नहीं: पीएम ने आगे कहा, "6 मई की रात जो लोग मारे गए, पाकिस्तान में उन जनाजों को स्टेट ऑनर दिया गया. उनके ताबूतों पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए, वहां की सेना ने उनको सैल्यूट किया. ये सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधि प्रॉक्सी वॉर नहीं है, ये आपकी (पाकिस्तान) सोची-समझी युद्ध की रणनीति है, आप वॉर ही कर रहे हैं, तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा."
- हमारे देश को बर्बाद कर दिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, मैं नई पीढ़ी को बताना चाहता हूं कि कैसे हमारे देश को बर्बाद कर दिया गया. अगर आप 1960 की सिंधु जल संधि का अध्ययन करेंगे, तो आपको झटका लगेगा. यह तय हुआ था कि जम्मू-कश्मीर की नदियों पर बने बांधों की सफाई नहीं की जाएगी. गाद निकालने का काम नहीं किया जाएगा. तलछट साफ करने के लिए नीचे के गेट बंद रहेंगे. 60 साल तक ये गेट कभी नहीं खोले गए. जिन जलाशयों को 100% क्षमता तक भरना था, वे अब केवल 2% या 3% तक ही सीमित रह गए हैं.
- पाकिस्तान पसीना बहा रहे हैं: पीएम ने आगे कहा, अभी, मैंने कुछ नहीं किया है और लोग वहां (पाकिस्तान) पसीना बहा रहे हैं. हमने बांधों की सफाई के लिए छोटे-छोटे गेट खोले हैं, और वहां पहले से ही बाढ़ आ गई है."
- कांटे को निकाल कर रहेंगे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "शरीर कितना ही स्वस्थ क्यों ना हो लेकिन अगर एक कांटा चुभता है तो पूरा शरीर परेशान रहता है. हमने तय कर लिया है उस कांटे को निकाल कर रहेंगे."
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