राहुल गांधी को बदनाम करने के लिए PM मोदी और ममता बनर्जी के बीच हुई डील, कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच "राहुल गांधी और कांग्रेस की छवि को खराब  करने" के लिए डील हुई है.

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दीदी खुद को ईडी-सीबीआई के छापे से बचाना चाहती- अधीर रंजन चौधरी
नई दिल्‍ली:

राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान पर भाजपा संसद से सड़क तक कांग्रेस को घेरने में जुटी हुई है. इस बीच कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच "राहुल गांधी और कांग्रेस की छवि को खराब  करने" के लिए डील हुई है. न्‍यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "ममता बनर्जी पीएम के निर्देश पर बोल रही हैं. पीएम और 'दीदी' के बीच राहुल गांधी और कांग्रेस की छवि को बदनाम करने का सौदा है. वह खुद को ईडी-सीबीआई के छापे से बचाना चाहती हैं. इसलिए वह कांग्रेस के खिलाफ हैं और इससे पीएम खुश होंगे."

इससे पहले रविवार को मुर्शिदाबाद जिले में एक आंतरिक पार्टी बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस नेता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को "नायक" के रूप में चित्रित करने का प्रयास करके वर्तमान मुद्दों से ध्यान हटाने का प्रयास करने का आरोप लगाया था. और यूके में उनकी टिप्पणियों पर संसद की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, "बीजेपी राहुल गांधी को हीरो बनाने की कोशिश कर रही है, ताकि कोई पीएम मोदी से सवाल न करे."

उन्होंने कहा, 'ब्रिटेन में राहुल गांधी की हालिया टिप्पणी को लेकर संसद की कार्यवाही को रोककर भाजपा ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.' इस बीच, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले, पीसीसी प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया है कि मुर्शिदाबाद और मालदह जिलों के विभिन्न हिस्सों से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा के 2,000 से अधिक कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.

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पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव मई और जून में होने की संभावना है. चौधरी ने रविवार को कहा कि हाथों में कांग्रेस पार्टी का झंडा लेकर करीब 2,000 टीएमसी भाजपा कार्यकर्ता यहां बहरामपुर कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस में शामिल हुए. 

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इससे पहले, 2018 में पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच बड़े पैमाने पर झड़पें हुईं, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी

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