PM मोदी की मुरली मनोहर जोशी के साथ 33 साल पुरानी तस्वीर क्यों हो रही वायरल?

एकता यात्रा का नेतृत्व भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने किया था. वहीं नरेंद्र मोदी ने इस यात्रा में अहम भूमिका निभाई थी.

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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) लंबे चुनाव अभियान के बाद आज से कन्याकुमारी में 2 दिनों के लिए ध्यान करेंगे. पीएम मोदी के कार्यक्रम को लेकर पूरी तैयारी कर ली गयी है. सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की 33 साल पुरानी एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है. यह 11 दिसंबर 1991 की एकता यात्रा की तस्वीर है. जो कन्याकुमारी के प्रतिष्ठित विवेकानंद रॉक मेमोरियल से शुरू हुई थी और कश्मीर में समाप्त हुई थी. 

वायरल तस्वीर में नरेंद्र मोदी और पार्टी के दिग्गज नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी साथ दिख रहे हैं. दोनों नेताओं को स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करते देखा जा सकता है. एकता यात्रा दिसंबर 1991 में कन्याकुमारी से शुरू की गई थी और 26 जनवरी 1992 को श्रीनगर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ समाप्त हुई थी.

एकता यात्रा का नेतृत्व अनुभवी भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने किया था, जबकि नरेंद्र मोदी, जो उस समय बीजेपी के एक सधारण कार्यकर्ता थे, ने मार्च के आयोजन में मुख्य भूमिका निभाई थी.  यात्रा का लक्ष्य दुनिया को यह कड़ा संदेश देना था कि भारत आतंकी ताकतों के खिलाफ मजबूती से और एकजुट होकर खड़ा रहेगा. 14 राज्यों में फैली इस यात्रा ने लोगों को काफी प्रभावित किया था और राष्ट्रीय एकता के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाया था. 

अब लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के चुनाव अभियान की समाप्ति के साथ पीएम मोदी की कन्याकुमारी यात्रा और पीएम मोदी का विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में ध्यान करने के कार्यक्रम के बीच इस 33 साल पुरानी तस्वीर को सोशल मीडिया पर आप वायरल होते देख सकते हैं. हालांकि पीएम मोदी की इस यात्रा के कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिलते ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल ने इस पर सियासत तेज कर दी है. कांग्रेस तो इसको लेकर चुनाव आयोग के भी दरवाजे खटखटा चुकी है.

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