क्‍या कभी पीएम मोदी भी जा पाएंगे अंतरिक्ष...? जानें इस सवाल पर क्या बोले ISRO प्रमुख सोमनाथ

इसरो का गगनयान मिशन अगर सफल हो जाता है तो अमेरिका, चीन और पूर्ववर्ती सोवियतसंघ के बाद भारत मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ानें संचालित करने वाला चौथा देश बन जाएगा. 

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गगनयान मिशन भारत का पहला ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन है.
नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ (S Somanath) ने एनडीटीवी से भारत के पहले मानव अंतरिक्ष यान मिशन ‘गगनयान' (Gaganyaan) को लेकर खास बातचीत की .एनडीटीवी के साइंट एडिटर पल्लव बागला को दिए गए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि गगनयान की पहली परीक्षण उड़ान अगले साल के अंत यानी 2025 में होगी. इस साल गगनयान के कई क्रिटिकल ट्रायल होंगे. प्रक्षेपण की तारीख के बारे में बताते हुए डॉ. सोमनाथ ने कहा, "अगर सब कुछ ठीक रहा तो गगनयान की पहली परीक्षण उड़ान अगले साल के अंत में निर्धारित है. लेकिन सब कुछ हमारी प्रोग्रेस पर निर्भर करता है."

क्‍या पीएम मोदी भी जाएंगे अंतरिक्ष

गगनयान मिशन के लिए चुने गए 4 गगनयात्रियों की उम्र बढ़ने के सवाल पर इसरो प्रमुख ने कहा कि  "ऐसी कोई समस्‍या नहीं है. उम्र कोई खास मायने नहीं रखती है. 50 साल की उम्र में भी एस्‍ट्रोनॉट्स स्पेस में जा सकते हैं. भारत के गगनयान मिशन पर देश के प्रधानमंत्री के जाने के सवाल पर इसरो प्रमुख ने कहा कि "मेरा मानना है कि अगर देश के प्रधानमंत्री अंतरिक्ष स्‍टेशन में जाएं, तो अपने गगनयान में ही जाएं. गगनयान मिशन सफल हो जाए, हमें यकीन हो जाए कि हम लोगों को सुरक्षित वहां भेज सकते हैं, तभी कोई राष्‍ट्राध्‍यक्ष इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन में जाएगा.

बता दें प्रशांत नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना के चार परीक्षण पायलट हैं जिन्हें गगनयान मिशन के लिए चुना गया है. इन अंतरिक्ष यात्रियों ने इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इस दौरान इन यात्रियों ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT), बेंगलुरु की एक टीम द्वारा डिजाइन की गई नीली ग्राउंड यूनिफॉर्म पहनीं हुई थी.

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क्या है ‘गगनयान' मिशन?

गगनयान मिशन भारत का पहला ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन है. ‘गगनयान' मिशन का लक्ष्य साल 2025 में चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने का है और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है. गगनयान में 4 एस्ट्रोनॉट्स 400 किलोमीटर ऊपर धरती की निम्न कक्षा (लोअर ऑर्बिट) में स्पेस में भेजा जाएगा. गगनयान का पहला चालक दल पृथ्वी की 16 परिक्रमाएं करेगा. इसरो का गगनयान मिशन अगर सफल हो जाता है तो अमेरिका, चीन और पूर्ववर्ती सोवियतसंघ के बाद भारत मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ानें संचालित करने वाला चौथा देश बन जाएगा. 

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