- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमास की कैद से 20 इजरायली बंधकों की रिहाई का स्वागत किया है.
- उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रपति ट्रंप के शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है.
- 738 दिनों के बाद हमास की कैद से 20 इजरायली बंधक रिहा हो चुके हैं. इन बंधकों को 2 बैच में रिहा किया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इजरायल के बंधकों की रिहाई का स्वागत किया है. साथ ही पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रयासों को भी सराहा है. पीएम मोदी ने इस रिहाई को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताया है. 738 दिनों के बाद हमास की कैद से 20 इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया गया है, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायल पहुंचे हैं.
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, "हम दो साल से ज्यादा समय तक बंधक बनाए रखने के बाद सभी बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हैं. उनकी आजादी उनके परिवारों के साहस, राष्ट्रपति ट्रंप के अटूट शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. हम क्षेत्र में शांति लाने के राष्ट्रपति ट्रंप के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करते हैं."
738 दिन बाद बंधक रिहा
बता दें कि 738 दिनों के बाद हमास की कैद से 20 इजरायली बंधक रिहा हो चुके हैं. इन बंधकों को 2 बैच में रिहा किया गया है. पहले बैच में 7 बंधक और दूसरे बैच में 13 बंधकों को छोड़ा गया. इजरायल के विदेश मंत्रालय ने कुछ देर बाद रिहा बंधकों की तस्वीर शेयर की. रिहाई के बाद उन्हें सैनिकों से मिलते देखा गया.
डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन परिवारों से तेल अवीव में मुलाकात भी की जिनके परिजन बंधक थे या जिनकी मृत्यु हो गई है. इसके अलावा ट्रंप ने केनेसेट (संसद) को संबोधित भी किया. ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि आखिरकार दो साल के बाद बंदूकें खामोश हो सकी हैं. 'अंधकार और कैद में दो कष्टायक वर्षों के बाद, 20 साहसी बंधक अपने परिवारों के पास लौट रहे हैं, और यह गौरवशाली है. आज बंदूकें खामोश हो गई हैं, सूरज निकल आया है. यह युद्ध का अंत नहीं है बल्कि एक नए दौर की शुरुआत है.'
नेतन्याहू ने क्या कहा?
हमास के कब्जे से बंधकों की रिहाई के बाद इजरायली संसद में नेतन्याहू ने कहा, "हमने इस युद्ध के लिए भारी कीमत चुकाई है, लेकिन दुश्मनों का पता चल गया होगा कि हम कितने शक्तिशाली और इरादों के पक्के हैं. उन्हें समझ आ गया हो कि 7 अक्तूबर को इजरायल पर हमला बहुत बड़ी भूल थी. उन्हें समझ आ गया हो गया कि इजरायल यही खड़ा है और रहेगा."