- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा संघर्ष समाप्ति योजना का स्वागत किया है.
- PM मोदी ने उम्मीद जताई कि सभी संबंधित पक्ष ट्रंप की शांति पहल के पीछे एकजुट होकर समर्थन करेंगे.
- प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि यह योजना फिलिस्तीनी और इजरायली लोगों के लिए शांति का मार्ग प्रदान करेगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने गाजा संघर्ष (Gaza War) को समाप्त कराने संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की योजना की घोषणा का स्वागत किया है. पीएम मोदी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी संबंधित पक्ष राष्ट्रपति ट्रंप की पहल के पीछे एकजुट होंगे और संघर्ष को समाप्त करने और शांति सुनिश्चित करने के इस प्रयास का समर्थन करेंगे.
पीएम मोदी ने एक्स ट्वीट में लिखा, 'हम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए बनाई गई योजना की घोषणा का स्वागत करते हैं. फिलिस्तीनी और इजरायली लोगों के लिए यह शांति का राह सुझाएगा. फिलिस्तीनी और इजरायली लोगों के साथ-साथ व्यापक पश्चिम एशियाई क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक और स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास का एक मार्ग दिखाएगा. हम उम्मीद करते हैं कि फिलिस्तीन और इजरायल दोनों राष्ट्रपति ट्रंप की पहल के पीछे एकजुट होंगे और संघर्ष को समाप्त करने और शांति सुनिश्चित करने के इस प्रयास का समर्थन करेंगे.'
ट्रंप का 20 प्वाइंट वाला शांति प्रस्ताव
डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में चल रहे इजरायल-हमास युद्ध को खत्म करने के लिए 20 प्वाइंट वाला शांति प्रस्ताव पेश किया है. व्हाइट हाउस ने सोमवार को इस योजना की घोषणा की. इस मौके पर ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की. मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि अगर हमास इस प्रस्ताव को मान लेता है तो सभी बंधकों को रिहा कर दिया जाएगा और युद्ध खत्म हो जाएगा. लेकिन चेतावनी भी दी कि अगर हमास ने इसे ठुकरा दिया तो इजरायल को उनका पूरा समर्थन मिलेगा ताकि वह हमास के खतरे को खत्म कर सके.
नेतन्याहू ने भी ट्रंप की योजना का किया समर्थन
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'अब समय आ गया है कि हमास उस योजना की शर्तों को स्वीकार करे जो हमने आज सामने रखी है. मैं सुन रहा हूं कि हमास इसे पूरा करना चाहता है. अगर हमास इस योजना को अस्वीकार करता है, तो हमास के खतरे को खत्म करने के काम को पूरा करने के लिए इजरायल को मेरा पूरा समर्थन प्राप्त होगा.' नेतन्याहू ने भी इस योजना का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह इजरायल के युद्ध लक्ष्यों को पूरा करता है, लेकिन अगर हमास नहीं मानता तो 'काम पूरा किया जाएगा.'
बोर्ड ऑफ पीस
गाजा के लिए ट्रंप की शांति योजना में एक अस्थायी तकनीकी सरकार की स्थापना का प्रावधान है. इजरायल गाजा पर कब्जा नहीं करेगा और किसी भी निवासी को जबरन बाहर नहीं निकाला जाएगा. समझौते में युद्ध को तत्काल समाप्त करने का प्रावधान है, बशर्ते इसे स्वीकार कर लिया जाए और सभी बंदियों, जीवित और मृत, को 72 घंटों के भीतर वापस लौटा दिया जाए. गाजा की देखरेख के लिए 'बोर्ड ऑफ पीस' नाम की एक अंतरराष्ट्रीय संस्था बनेगी, जिसका नेतृत्व ट्रंप करेंगे. इसमें पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी शामिल होंगे. यह संस्था गाजा के पुनर्निर्माण का ढांचा और आर्थिक मदद तय करेगी, जब तक कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण सुधार कर नियंत्रण संभालने को तैयार न हो जाए. जो हमास सदस्य शांति स्वीकार करेंगे उन्हें माफी मिलेगी और बाकी को विदेश जाने का सुरक्षित रास्ता दिया जाएगा. गाज़ा की सुरक्षा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय बलों के हाथ में होगी, जो फिलिस्तीनी पुलिस को प्रशिक्षण भी देंगे. मानवीय सहायता भी तय स्तर पर पहुंचाई जाएगी. अमेरिका आगे की शांति वार्ता में भी मदद करेगा.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में फिलिस्तीन मिशन के प्रमुख रियाद मंसूर ने कहा कि फिलिस्तीन प्राधिकरण अमेरिका, सऊदी अरब, यूरोप और अन्य साझेदारों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है. यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले से शुरू हुआ था, जिसमें 1200 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया. माना जाता है कि लगभग 48 लोग अभी भी बंदी हैं, और लगभग 20 जीवित हैं. इस बीच, गाज़ा में अब तक 66,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और ज़्यादातर इलाका खंडहर में बदल चुका है.