शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्कूली बच्चों को कौशल-आधारित प्रशिक्षण देने के लिए सरकार के रोडमैप और विश्व बैंक की नवीनतम रिपोर्ट "नौकरियां आपके द्वार (Jobs At Your Doorstep)" पर एनडीटीवी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 सालों में एक रिफॉर्मिस्ट गवर्नेंस एजेंडा तैयार किया है. साल 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए क्या-क्या करने की जरूरत है और कैसे भारत का एक ग्लोबल प्रोफाइल तैयार हो सकता है. इसकी तैयारी की है. इसे ध्यान में रखते हुए NEP 2020 मैं 6th Standard से छात्रों की Skilling पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. वर्ल्ड बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में 6 राज्यों में इस बड़ी पहल का जमीन पर क्या असर हुआ है, इस पर एक रिपोर्ट तैयार की है और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए क्या-क्या ज़रूरतें हैं. इस पर एक ऑल इंडिया स्तर पर नई पहल की ओर इशारा किया है.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षा भारत को दुनिया का स्किल हब बनाने की है. इस संदर्भ में वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट एक नया सोच की प्रक्रिया तैयार करने में मदद करेगी. इस साल के बजट में युवाओं के लिए एक करोड़ इंटर्नशिप अपॉर्चुनिटी के लिए स्पेस तैयार किया गया है.
जॉब सीकर से ज्यादा जॉब क्रिएटर को महत्व
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम जॉब सीकर से ज्यादा जॉब क्रिएटर को महत्व देते हैं. 14,500 स्कूलों को PM-SHRI योजना के तहत नामित किया गया है. इसके तहत हम हर स्कूल को 2 करोड रुपए आवंटित करते हैं. हमने स्कूल प्रशासनों को हर तरह की स्वतंत्रता दी है कि वह बच्चों की स्किल ट्रेनिंग के लिए बड़े स्तर पर पहल शुरू करें.
उन्होंने आगे कहा कि मैंने वर्ल्ड बैंक को सुझाव दिया है कि "JOB" की जो परिभाषा है उसे बदलना जरूरी है. इसके लिए एक इंडियन बेंचमार्क बनना चाहिए. भारत में पिछले 10 साल में जिस तरह का नया आर्थिक माहौल बना है, उसे देखते हुए JOB की परिभाषा को और व्यापक बनाने की जरूरत है.
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