"कभी नहीं भूल सकता...": PM मोदी ने दी मुंबई हमलों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि

मुंबई हमलों (Mumbai Attack 15th Anniversary) की 15वीं बरसी के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी हमलों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और देश के लोगों से आतंकवाद से लड़ने की प्रतिज्ञा को फिर से याद करने की अपील की.

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पीएम मोदी ने किया मुंबई हमलों के पीड़ितों को याद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों (PM Modi Tribute Mumbai Attack Victims) के पीड़ितों को याद किया. उन्होंने इसे भारत का "सबसे जघन्य" आतंकवादी हमला करार दिया. अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "हम 26 नवंबर को कभी नहीं भूल सकते. इसी दिन देश में सबसे जघन्य आतंकवादी हमला हुआ था. आतंकियों ने मुंबई और पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. यह भारत की क्षमता है कि हम उस हमले से उबर गए और अब पूरी हिम्मत के साथ आतंकवाद को कुचल रहे हैं.''

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साल 2008 में आतंकी हमलों से दहल गया था मुंबई शहर

बता दें कि साल 2008 में 26 नवंबर के दिन भारी हथियारों से लैस 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में सिलसिलेवार हमलों को अंजाम दिया था. इन हमलों में आम लोगों और सुरक्षाकर्मियों, दोनों को ही निशाना बनाया गया, जिससे भारी तबाही और नुकसान हुआ था. इन आतंकी हमलों से मुंबई पूरी तरह से दहल गया था. एके-47 राइफल और ग्रेनेड से लैस आतंकियों ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन, ताज महल पैलेस होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस यहूदी सामुदायिक केंद्र समेत शहर भर की कई जगहों पर एक के बाद एक हमले किए थे.

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आतंकी हमलों में गई थी 166 लोगों की जान

पाकिस्तान से अरब सागर के रास्ते मुंबई शहर में घुसपैठ करने वाले आतंकियों ने 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की हत्या कर दी और सैकड़ों लोगों को घायल कर दिया था. उन्होंने बड़े पैमाने पर करोड़ों रुपए की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया था. मुंबई हमलों में  मारे गए लोगों में तत्कालीन एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे, सेना के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक कामटे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर शामिल थे.

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मारे गए थे 10 में से 9 आतंकी, एक को दी फांसी

हमलों के दौरान सुरक्षा बलों ने बहादुरी से डटे रहकर 10 में से 9 आतंकवादियों को मार गिराया था और एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया था. अजमल कसाब को 4 साल बाद 21 नवंबर, 2012 को फांसी दे दी गई. मुंबई हमलों की 15वीं बरसी के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हमलों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और देश के लोगों से आतंकवाद से लड़ने की प्रतिज्ञा को फिर से याद करने की अपील की.

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राष्ट्रपति मुर्मू ने सुरक्षाकर्मियों के बलिदान को किया याद

राष्ट्रपति मुर्मू ने ट्वीट कर लिखा, "कृतज्ञ राष्ट्र 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के सभी पीड़ितों को दुख के साथ याद करता है. हम बहादुर आत्माओं की यादों का सम्मान करते हुए उनके परिवारों और अपनों के साथ खड़े हैं. मैं उन बहादुर सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए, आइए हम हर जगह सभी रूपों में आतंकवाद से लड़ने की अपनी प्रतिज्ञा को फिर से दोहराएं."

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