पीएम मोदी ने म्यांमार के सीनियर जनरल से की फोन पर बात.
म्यांमार में शुक्रवार को आए भूकंप से कई हिस्सों में तबाही (Myanmar Earthquake) का मंजर है. आपदा में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 2 हजार से ज्यादा लोग जख्मी हैं. जान के साथ ही माल का कितना नुकसान हुआ है, ये अब तक सामने नहीं आ सका है. पीएम मोदी (PM Modi) ने पड़ोसी देश के हालात पर चिंता जताई है. उन्होंने म्यांमार में सेना के नेतृत्व वाली सरकार के प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात कर इस विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर गहरी संवेदना जताई.
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पीएम मोदी ने कहा कि एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में भारत इस कठिन वक्त में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है. भारत से आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता प्रभावित क्षेत्रों में सर्च और रेस्क्यू टीम को तेजी से भेजी जा रही है.
भारत म्यांमार को भेज रहा मानवीय मदद
बता दें कि भारत पड़ोसी देश म्यांमार के ‘ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत राहत सामिग्री भिजवा रहा है. शनिवार को म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री पहुंचाई. भारत ने भारतीय वायु सेना के ‘सी130जे' सैन्य परिवहन विमान से म्यांमार के शहर यांगून में राहत सामग्री भेजी. राहत सामग्री लेकर भारतीय वायुसेना के दो और विमान यागून जा रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि तंबू, ‘स्लीपिंग बैग', कंबल, रेडी टू ईट खाना. वाट प्यूरीफायर, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और जरूरी दवाओं समेत अन्य राहत सामग्री भेजी गई है.
राहत सामग्री की पहली खेप पहुंची, दो और जा रहीं
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘एक्स' पर 'ऑपरेशन' ब्रह्मा शुरू होने की जानकारी देते हुए कहा था कि भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप म्यांमार के यांगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है. म्यांमार में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने राहत सामग्री यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत ने शुक्रवार को आए भीषण भूकंप से प्रभावित म्यांमार के लोगों की मदद के लिए भारत ने सबसे पहले कदम उठाने वाले देश के रूप में काम किया है.