"हमने अयोध्या में क्या देखा...": PM मोदी ने राम मंदिर कार्यक्रम की खास झलकियों का VIDEO किया शेयर

वीडियो में पीएम कहते हैं, ''सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं. उन्होंने कहा, ''ये क्षण अलौकिक है, ये पल पवित्रतम है. हमारे लिए ये अवसर सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी है. राम आग नहीं हैं, राम ऊर्जा हैं. राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं.'' 

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पीएम मोदी ने कहा सदियों तक लोगों को याद रहेगा यह ऐतिहासिक पल.
नई दिल्ली:

अयोध्या में बने नए राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है. 500 सालों के इंतजार के बाद 22 जनवरी 2024 को रामलला की वापसी का क्षण इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, ''कल, 22 जनवरी को हमने जो देखा वो आने वाले कई सालों तक हमारी याद में जिंदा रहेगा.''

बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 7,000 गेस्ट्स शामिल हुए थे. इसमें भारत के कई बिजनेसमेन और सेलिब्रिटीज शामिल हैं. सभी ने इस पल के साक्षी रहे हैं. पीएम मोदी की वीडियो में लोगों के बीच एक अलग उत्साह झलक रहा है और लोगों की आंखों में खुशी के आंसु नजर आ रहे हैं. 500 सालों के इंतजार के बाद रामलला की वापसी हुई है. 

वीडियो में पीएम मोदी कहते हैं, ''सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं. उन्होंने कहा, ''ये क्षण अलौकिक है, ये पल पवित्रतम है. हमारे लिए ये अवसर सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी है. राम आग नहीं हैं, राम ऊर्जा हैं. राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं. राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, राम तो सबके हैं.'' 

उन्होंने कहा, ''राम, भारत की आस्था हैं. राम, भारत का आभार है. राम, भारत का विचार है. राम, भारत का विधान है. राम, भारत की चेतना है. राम, भारत का चिंतन है. राम, भारत की प्रतिष्ठा है. राम, भारत का प्रताप है. राम, प्रवाह है. राम, प्रभाव है. राम नेति भी है. राम नीति भी है. यह भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा भारत के उदय का. ये राम मंदिर साक्षी बनेगा विकसित भारत का''. 

कर्नाटक के मूर्तिकार ने बनाई है रामलला की प्रतिमा

कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने रामलला की इस प्रतिमा को बनाया है. पीएम मोदी ने 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठानों का नेतृत्व किया. बता दें कि अनुष्ठान के हिस्से के रूप में मूर्ति को 18 जनवरी को गर्भगृह में स्थापित किया गया था. राजनेताओं, मशहूर हस्तियों, उद्योगपतियों, संतों और विभिन्न देशों के लगभग 100 प्रतिनिधियों सहित 7,000 से अधिक लोग इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बने थे.

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