प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) ने बुधवार को शिमला ( Shimla) में 82 वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) का उद्घाटन किया. मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार और अन्य लोग मौजूद थे. सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है. लोकतंत्र तो भारत का स्वभाव और इसकी सहज प्रकृति है . उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले वर्षों में हमें देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है, असाधारण लक्ष्य हासिल करने हैं . ये संकल्प सबके प्रयास से ही पूरे होंगे.
प्रधानमंत्री ने भारतीयता की भावना और 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के संकल्प को मजबूत करने वालीं नीतियां और कानून तैयार किए जाने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री ने कहा “सदन में हमारा आचार-व्यवहार भारतीय मूल्यों के अनुसार होना चाहिए. यह हम सभी की जिम्मेदारी है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक ऐसी बहस होनी चाहिए, जिसमें मर्यादा और गंभीरता की परंपराओं का पूरी तरह से पालन किया जाए और कोई किसी पर राजनीतिक छींटाकशी न करे.
एक तरह से सदन का हेल्दी लाइफ , हेल्दी डे होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने 'एक राष्ट्र एक विधायी मंच' का विचार भी रखा और कहा कि यह ऐसा पोर्टल हो जो न केवल हमारी संसदीय प्रणाली को आवश्यक टेक्नोलोजिकल बूस्ट दे, बल्कि देश की सभी लोकतांत्रिक इकाइयों को जोड़ने का काम भी करे '.
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प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विधायी संस्थाओं का उद्देश्य प्रगतिशील कानून बनाने की दिशा में जनता और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है, ताकि लोगों के जीवन में सकारात्मक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाया जा सके. इस अवसर पर राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि 21वीं सदी तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सदी है. हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के शताब्दी वर्ष में शिमला में 82वां सम्मेलन आयोजित करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह शिमला की देवभूमि के लिए उल्लेखनीय क्षण होगा.
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हिमाचल प्रदेश विधान सभा में ई-विधान और ई-गवर्नेंस की पहल का उल्लेख करते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधान सभा ने सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कानून बनाए हैं, जिससे लोगों को बहुत लाभ हुआ है . बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 82वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) वर्ष 1921 में शिमला में ही शुरू हुए इस सम्मेलन के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है.
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