अग्निपथ योजना को लेकर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच पहली बार पीएम मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने रविवार को कहा कि पिछले वर्ष मुझे डिफेंस कॉम्प्लेक्स के लोकार्पण का भी अवसर मिला था. हमारे देश का दुर्भाग्य है कि बहुत सी अच्छी चीजें, अच्छे उद्देश्य से की गई चीजें, राजनीति के रंग में फंस जाती हैं. हालांकि उन्होंने साफ तौर पर अग्निपथ योजना का नाम नहीं लिया. पीएम मोदी ने प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे, इसी दौरान उन्होंने ये बात कही. उन्होंने ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-एनसीआर और दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर मेट्रो मार्गों को दोगुना से अधिक किए जाने समेत कई अन्य पहलुओं का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने क्षेत्र की समस्याओं का हल करने के लिए कई कदम उठाए हैं. आने वाले दिनों में देश की राजधानी के बारे में बात की जाएगी और भारतीय को इसपर गर्व होगा.
पिछले वर्ष मुझे डिफेंस कॉम्प्लेक्स के लोकार्पण का भी अवसर मिला था।
— BJP (@BJP4India) June 19, 2022
हमारे देश का दुर्भाग्य है कि बहुत सी अच्छी चीजें, अच्छे उद्देश्य से की गई चीजें, राजनीति के रंग में फंस जाती हैं।
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इस योजना के खिलाफ जारी विरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को तीनों सेना के प्रमुख के साथ बैठक की. इसके बाद योजना की विस्तृत जानकारी देने के लिए तीनों सेना के प्रमुखों ने प्रेस कान्फ्रेंस की. इसमें डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने केंद्र की योजना का पूरा खाका रखने के साथ तीन बातें स्पष्ट कर दीं. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि ये योजना वापस नहीं की जाएगी. दूसरा ये कि अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसा में शामिल लोगों को भर्ती में कोई जगह नहीं मिलेगी. तीसरा ये कि योजना में युवाओं की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए जो भी बदलाव किए गए हैं, वो किसी भी दबाव के तहत नहीं हैं, बल्कि ये प्रस्तावित थे.
सेना की ओर से इस पूरी कवायद का फोकस ये रहा कि युवा को समझाया जाए कि योजना उनके लिए फायदेमंद है. पीसी में शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना में 30 साल की उम्र वाले सैनिकों की बड़ी संख्या है. सेना जवानों की उम्र का पहलू चिंताजनक है. ऐसे में हम सेना में जोश और होश दोनों का कांबिनेशन चाहते हैं. सैन्य अधिकारियों ने चार साल बाद बाहर किए गए 75 फीसदी अग्निवीरों के भविष्य के सवाल पर कहा, सिर्फ इस योजना में ही एग्जिट नहीं है, सेना से हर साल 17,600 सैन्यकर्मी हर साल समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेते हैं.
सुधार आगजनी की प्रतिक्रिया में नहीं
अग्निपथ योजना पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि 'अग्निवर' को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं. यही नहीं देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले 'अग्निवर' को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा घोषित 'अग्निपथ' के लिए आरक्षण के संबंध में घोषणाएं पूर्व नियोजित थीं और अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद हुई आगजनी की प्रतिक्रिया में नहीं थीं.
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