PM मोदी ने किया केन-बेतवा परियोजना का शिलान्यास, जानें इसके बड़े फायदे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां कांग्रेस है, वहां शासन नहीं हो सकता. दशकों से बुंदेलखंड के लोगों ने इसका खामियाजा भुगता है. पीढ़ी दर पीढ़ी यहां के किसानों, माताओं, बहनों ने पानी के लिए संघर्ष किया है. ये स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि कांग्रेस ने कभी जल संकट के स्थायी समाधान के बारे में नहीं सोचा.

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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री भारत-रत्न से सम्मानित स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee 100th Birth Anniversary) की 100वीं जयंती पर मध्यप्रदेश के खजुराहो (Khajuraho) में देश की पहली महत्वाकांक्षी और बहुउद्देशीय केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना (Ken-Betwa River Linking National Project) का शिलान्यास किया. 

पीएम मोदी ने कहा कि बीता दशक,भारत के इतिहास में जल-सुरक्षा और जल संरक्षण के अभूतपूर्व दशक के रूप में याद किया जाएगा. 

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केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना से बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने वाली है। आज मध्य प्रदेश के खजुराहो में कई विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम का हिस्सा बनकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है.

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

1980 में केन और बेतबा नदी को जोड़ने का आया था प्रस्ताव
केन-बेतवा रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट के जरिए देश में पहली रिवर लिंकिंग परियोजना शुरू हुई है. अस्सी के दशक में इस परियोजना का प्रस्ताव सामने आया था, जिस पर अब अमल होने जा रहा है. इसके तहत केन नदी के अतिरिक्त पानी को बेतवा नदी तक ले जाने के लिए एक नहर बनाई जाएगी. केन नदी के किनारे पहले एक बांध बनाया जाएगा, जिसका नाम है दौधन बांध. इस बांध में केन नदी का पानी स्टोर कर उसे नहर के ज़रिए बेतवा नदी तक पहुंचाया जाएगा. केन नदी देश की सबसे साफ़ सुथरी नदियों में से एक है, जो मध्य प्रदेश के कटनी ज़िले से शुरू होती है और विंध्य की पहाड़ियों के पठारी इलाके से होते हुए आगे जाकर उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के चिल्ला इलाके में यमुना नदी में मिल जाती है.

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जब देश में अटल जी की सरकार बनी, तब उन्होंने पानी से जुड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए गंभीरता से काम शुरू किया था. लेकिन 2004 में जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनी, कांग्रेस ने अटल जी के सभी प्रयासों को ठंडे बस्ते में डाल दिया.

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

यहां जानिए इस परियोजना की क्या है विशेषता 

  • देश की पहली नदी जोड़ो योजना होगी ये नहर.
  • केन्द्र, मध्यप्रदेश और यूपी सरकार के सहयोग से पूरा होगी.
  • इस परियोजना की लागत- 44 हजार 605 करोड़ रूपये.
  • 90% खर्च केन्द्र सरकार और 10 % खर्च राज्यों का होगा.
  • 103 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन, हजारों को रोजगार.
  • 27 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का भी है लक्ष्य.

 करोड़ों लोगों को होगा इसका लाभ
जल शक्ति मंत्रालय के मुताबिक केन-बेतवा परियोजना से सालाना 10.62 लाख हेक्टेयर इलाके को सिंचाई की सुविधा मिलेगी. 62 लाख लोगों को पीने का साफ़ पानी मिलेगा. इसके अलावा 103 मेगावॉट हाइड्रोपावर और 27 मेगावॉट सोलर पावर इससे पैदा करने की योजना है. इस प्रोजेक्ट पर 44,605 करोड़ रुपये लागत आने की संभावना है.

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