प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए के विशेष इंटरव्यू में रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर चर्चा की. साथ ही उन्होंने बताया कि किस तरह से उनके प्रयासों से यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाया जा सका. पीएम ने कहा कि दोनों ही देशों के राष्ट्रपतियों के साथ मेरे अच्छे संबंध रहे हैं. युद्ध के दौरान जब भारतीय छात्र वहां फंस गए थे तो मैंने दोनों से बात कर के रास्ता निकाला.
पीएम मोदी ने कहा कि अभी भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी इकोनॉमी है. भारत से आगे अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान हैं. भारत के 2026 में जापान और 2027 में जर्मनी से आगे निकलने का अनुमान है. जापान फिलहाल मंदी में फंसा है जबकि जर्मनी की इकोनॉमी भी संघर्ष कर रही है. इस बीच ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने इंडियन इकोनॉमी को लेकर सकारात्मक रुख जताते हुए कहा कि आने वाले पांच साल में देश की इकोनॉमी पांच ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी. इस लिहाज से भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगी.
पीएम ने बताया कैसे लोगों को बाहर लाया गया
प्रधानमंत्रीने कहा, ''मैंने सऊदी किंग से बात की और उनसे कहा कि मैं यमन से लोगों को वहां लाना चाहता हूं. तो आपकी बमबारी चल रही है, हम ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं, आप हमारी कैसे मदद करेंगे? तो उन्होंने कहा, कृपया मुझे समझने का प्रयास करें. और ये सारी बातें सुषमा जी ने अपने इंटरव्यू में कही हैं. भारत के कहने पर बमबारी रोकी गयी और हम अपने लोगों को हवाई जहाज से बाहर लेकर आ गए हम यमन से लगभग 5000 लोगों को लाए, यूक्रेन में भी ऐसा ही हुआ था.
ED अच्छा काम कर रही: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'BJP सरकार द्वारा जेल भेजे जाने' के विपक्षी पार्टियों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय, यानी ED द्वारा दर्ज किए गए मामलों की अधिकतम संख्या उन व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ है, जिनका राजनीति से कोई ताल्लुक नहीं है.प्रधानमंत्री ने कहा, "विपक्ष के कितने नेता जेल में हैं...? मुझे कोई नहीं बताता... और क्या ये वही विपक्षी नेता हैं, जो अपनी सरकार चलाया करते थे...? पाप का डर है... एक ईमानदार व्यक्ति को क्या डर होता है...? जब मैं मुख्यमंत्री था, तो उन्होंने मेरे गृहमंत्री को जेल में डाल दिया था... देश को यह समझना चाहिए कि ED के केवल 3 प्रतिशत मामलों में राजनेता शामिल होते हैं और 97 प्रतिशत मामले उन लोगों के ख़िलाफ़ दर्ज होते हैं, जो राजनीति से संबंधित नहीं हैं..."
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