कैबिनेट में बुधवार को किए गए बड़े फेरबदल के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई कैबिनेट के साथ वर्चुअल मीटिंग की. शाम को उनका मंत्रिपरिषद के सदस्यों से मिलने का कार्यक्रम है. पीएम मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद यह कैबिनेट की पहली बैठक है. नई कैबिनेट की पहली बैठक शाम पांच बजे प्रारंभ हुई. गौरतलब है कि कैबिनेट में बुधवार को कई नए चेहरे शामिल किए गए हैं जबकि अच्छा प्रदर्शन करने वाले कुछ राज्यमंत्रियों को प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.राष्ट्रपति भवन के अशोक हाल में बुधवार को हुए कैबिनेट विस्तार में 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली.कैबिनेट फेरबदल में जहां पीएम ने सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को पाटने की भरपूर कोशिश की है, वहीं इसके साथ ही उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की जीत की पृष्ठभूमि भी बनाने की कोशिश की है.
पीएम नरेंद्र मोदी के बड़े कैबिनेट फेरबदल की इनसाइड स्टोरी...
बुधवार के मंत्रिमंडल फेरबदल के पहले सरकार के कुछ अहम मंत्रियों ने कल अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने वाले चेहरों में से रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, डॉक्टर हर्षवर्धन और रमेश पोखरियाल निशंक जैसे प्रमुख नाम शामिल रहे.कैबिनेट विस्तार के बाद कई मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल किया गया. इसमें अश्विनी वैष्णव को रेल और सूचना-प्रौद्योगिकी, किरेन रिजीजू को क़ानून, ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन, अनुराग ठाकुर को सूचना और प्रसारण के साथ खेल मंत्रालय, हरदीप पुरी को पेट्रोलियम और धर्मेन्द्र प्रधान को नया शिक्षा मंत्री बनाया गया है.मोदी कैबिनेट में अब 30 कैबिनेट मंत्री, दो स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री और कुल 45 राज्यमंत्री हैं. इस तरह कुल मंत्रियों की संख्या प्रधानमंत्री समेत 78 हो गई है. 2019 में गठित कैबिनेट में कुल 21 कैबिनेट मंत्री थे जो अब 30 हो गए हैं. 23 राज्यमंत्रियों की संख्या बढ़कर 45 हो गई है लेकिन स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों की संख्या 9 से घटकर 2 हो गई है.
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गृह मंत्री अमित शाह नवगठित सहकारिता मंत्रालय को भी संभालेंगे, जबकि पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी अब क्रमशः वाणिज्य और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का जिम्मा संभालते रहेंगे. टीवी-डिबेट पर अक्सर बहस करने वालीं मीनाक्षी लेखी को विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री बनाया गया है.मध्यम और लघु उद्यम मंत्रालय को नितिन गडकरी से नारायण राणे को स्थानांतरित किया गया है, जबकि पहली बार मंत्री बने भूपेंद्र यादव को पर्यावरण और श्रम मंत्री बनाया गया है.