केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने विपक्षी दलों के विरोध के बीच केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 को लागू करने के फैसले का समर्थन किया. स्मृति ईरानी (Smriti Irani On CAA) ने कहा कि सरकार का CAA लागू करने का फैसला सही है. उन्होंने दावा किया कि सरकार के इस फैसले को पूरे देश का समर्थन मिला है. बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने मंगलवार को बंगाल के बर्धमान में मीडिया से कहा, "अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों से आए हिंदू, सिख और जैन समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी. इस वादे को पीएम मोदी पूरा कर रहे हैं."
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"कुछ समुदायों को भड़काने की कोशिश करेंगी ममता"
स्मृति ईरानी ने CAA पर बंगाल के विरोध के बीच सीएम ममता बनर्जी पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी अपने वोट बैंक के लिए कुछ समुदायों को भड़काने की कोशिश करेंगी, लेकिन पूरा देश जानता है कि पीएम मोदी का यह फैसला सही है." बता दें कि स्मृति ईरानी की यह टिप्पणी ममता बनर्जी द्वारा CAA लागू करने को लेकर मोदी सरकार की आलोचना के एक दिन बाद आई है. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि सीएए लागू करना सिर्फ चुनावी हथकंडा मात्र है. सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले किसी भी व्यक्ति को "अवैध प्रवासी" करार दिया जाएगा.
"CAA के नाम पर चुनाव से पहले नौटंकी"
ममता बनर्जी ने कहा, "केंद्र सरकार ने कल सीएए लागू किया, मुझे इसकी वैधता पर संदेह है. इस पर सरकार की तरफ से कोई स्पष्टता नहीं है. यह चुनाव से पहले एक नौटंकी है. 2019 में कुल 13 लाख हिंदू बंगालियों के नाम सामने आए. असम में एनआरसी के नाम पर 19 लाख लोगों को लिस्ट से हटा दिया गया. कई लोगों ने आत्महत्या कर जान दे दी.'' ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए को एनआरसी से जोड़ा गया था और जो लोग सीएए के लिए आवेदन करते हैं उन्हें तुरंत अवैध प्रवासी माना जाएगा, हालांकि वे देश के नागरिक हैं. बंगाल की सीएम ने कहा कि बीजेपी को लगता है कि उसने छक्का मार दिया है लेकिन यह तो शून्य को आउट होने जैसे है.
"मणिपुर हिंसा के समय कहां थे बीजेपी नेता?"
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर एक व्यक्ति भी इसे सही कहता है, तो मुझे खुशी होगी और मैं सभी को सुरक्षा दूंगी. क्या आप जानते हैं कि मणिपुर में कितने चर्च जलाए गए. जब मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया गया था, तब बीजेपी नेता कहां थे. सच बताएं, क्या आपके पास आधार कार्ड नहीं थे क्या आपके पास जमीन और दुकानें हैं. जैसे ही आप सीएए के लिए आवेदन करेंगे, आप अवैध हो जाएंगे.''
बता दें कि लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से कुछ दिन पहले यानी कि 11 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के नियमों को अधिसूचित किया. मोदी सरकार द्वारा पेश और 2019 में संसद द्वारा पारित सीएए नियमों का उद्देश्य सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों - हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देना है. CAA के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए लोगों नागरिकता पाने के पात्र होंगे.