विश्व के सबसे बड़े धार्मिक-सामाजिक समागम 'महाकुंभ 2025' में जहां एक तरफ दुनियाभर के आस्थावानों का जुटान हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 5 फरवरी को अमृत स्नान करने जा सकते हैं. उसी दिन दिल्ली में चुनाव भी है. इसके अलावा 10 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी जा सकती हैं. 27 जनवरी को अमित शाह स्नान करने जा सकते हैं.
महाकुंभ नगर में 29 जनवरी को होने जा रहे मौनी अमावस्या के अमृत स्नान में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए 10 करोड़ लोगों के पावन त्रिवेणी के तट पर पहुंचने का अनुमान है. इस पुण्य और पावन अवसर का भागीदार बनने के लिए कई देशों से विदेशी भक्त और श्रद्धालु भी महाकुंभ नगर आ रहे हैं.
29 जनवरी को मौनी अमावस्या में होने वाला अमृत स्नान प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं के सैलाब को लेकर नया कीर्तिमान दर्ज करने जा रहा है. प्रशासन के दावे के मुताबिक इस स्नान पर्व में 7 से 10 करोड़ के बीच श्रद्धालुओं और पर्यटकों के महाकुंभ पहुंचने का अनुमान है, जिसे लेकर तैयारियां जोरों पर हैं.
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने साथी मंत्रियों के साथ संगम में स्नान किया. प्रदेश के नीतिगत मामलों पर चर्चा के लिए अरैल के त्रिवेणी संकुल में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ स्नान के लिए मिनी क्रूज से संगम गए और संगम में डुबकी लगाई.
महाकुंभ स्नान के लिए 5 फरवरी क्यों है खास
इस दिन माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है. जो कि धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन स्नान-ध्यान और तप करना विशेष पुण्यदायी माना जाती है. आपको बता दें कि गुप्त नवरात्रि की यह तिथि पूजा और अनुष्ठान के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है.