- प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म की घोषणा की.
- वित्त मंत्रालय ने दरों को तर्कसंगत बनाने और सुधारों के लिए जीएसटी परिषद को प्रस्ताव सौंपा है
- स्वचालित रिफंड और पहले से भरे जीएसटी रिटर्न जैसे उपाय छोटे व्यवसायों और एमएसएमई के लिए अनुपालन को आसान बनाएंगे
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों के लिए कई अहम योजनाओं और तोहफों की घोषणा की. इन्हीं में से एक घोषणा है नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी का. पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि इस दीपावली में आपकी डबल दीपावली का काम करने वाला हूं. इस दीपावली पर देशवासियों को बड़ा तोहफा मिलने वाला है.बीते आठ साल में जीएसटी का बहुत बड़ा रिफॉर्म किया है.आठ साल के बाद समय की मांग है कि हम जीएसटी का रिव्यू करें. और हमने रिव्यू किया और तय किया की हम नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म लेकर आना है. इसके लिए काम तेजी से चल रहा है.
सरकार द्वारा प्रस्तावित प्रमुख संरचनात्मक परिवर्तनों में से एक उल्टे शुल्क ढांचे में सुधार है, जो लंबे समय से निर्माताओं और निर्यातकों के लिए चिंता का विषय रहा है. इस कदम से घरेलू मूल्यवर्धन बढ़ने और आयात पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है. इसके अलावा सरकार जीएसटी के तहत वर्गीकरण विवाद को हल करने की योजना बना रही है, जिसके कारण सभी क्षेत्रों में भ्रम और मुकदमेबाजी हुई है.
दूसरा प्रमुख फोकस क्षेत्र दर युक्तिकरण है. केंद्र एक सरलीकृत दो स्लैब जीएसटी संरचना की ओर बदलाव का प्रस्ताव कर रहा है, जो वर्तमान बहु-दर प्रणाली को सुव्यवस्थित करेगा. इस परिवर्तन का उद्देश्य आवश्यक और महत्वाकांक्षी वस्तुओं पर कर का बोझ कम करना है, जिससे राजस्व तटस्थता बनाए रखते हुए उन्हें उपभोक्ताओं के लिए अधिक किफायती बनाया जा सके.आसानी और अनुपालन में सुधार के लिए सरकार स्वचालित रिफंड और पहले से भरे हुए जीएसटी रिटर्न जैसे उपाय पेश कर रही है. इन कदमों से विशेष रूप से छोटे व्यवसाय और एमएसएमई के लिए के लिए काफी फायदेमंद होगा, जो अक्सर जटिल फाइलिंग प्रक्रियाओं से जूझते हैं.