PM Modi US met Joe Biden : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) देश के उन चुनिंदा प्रधानमंत्रियों में से हैं, जिन्हें अमेरिका के तीन राष्ट्रपतियों के कार्यकाल के दौरान सहयोग और संवाद का अवसर मिला है. दोनों की आज व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई. पीएम मोदी की बराक ओबामा (Barack Obama) और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के साथ जबरदस्त केमिस्ट्री ने भारत और अमेरिका के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है. अब निगाहें बतौर राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) के साथ पीएम मोदी की पहली मुलाकात पर होगी. क्या ऑस्ट्रेलिया, जापान के साथ अमेरिका, भारत के गठजोड़ क्वॉड (QUAD Summit) से मोदी-बाइडेन रिश्तों की नई इबारत लिखेंगे? जानिए तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ पीएम मोदी के रिश्तों के अहम पड़ाव....
2015 : गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बने ओबामा
नरेंद्र मोदी जब मई 2014 में प्रधानमंत्री बने तब बराक ओबामा अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर दूसरे कार्यकाल का करीब आधा वक्त गुजार चुके थे. अगले साल ही बराक ओबामा 26 जनवरी 2015 को गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि (Barack Obama Republic Day Chief Guest) बनकर भारत पहुंचे. यह पहली बार था कि अमेरिका का कोई राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आया हो. गणतंत्र दिवस परेड के दौरान करीब 2 घंटे के दौरान दोनों नेता बात करते रहे औऱ यहां से रिश्तों में बनी गर्मजोशी बढ़ती ही गई.
बराक ओबामा ने तारीफ के पुल बांधे
टाइम (TIME) मैगजीन में 100 सबसे प्रभावशाली शख्सियतों की सूची में मोदी के बारे में लिखते हुए कहा वो उभरते भारत की गतिशीलता और क्षमता का प्रतिबिंब है.
अमेरिकी कांग्रेस में बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी अगले साल ही जून 2016 में अमेरिका यात्रा पर गए. यह 2014 में सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी की चौथी अमेरिकी यात्रा थी. मोदी ने अमेरिकी संसद के संयुक्त अधिवेशन (US Congress Joint Session) को संबोधित किया.
ओबामा ने एनएसजी(NSG) , मिसाइल कंट्रोल रिजीम(MTCR) , सुरक्षा परिषद (UN Security Council) में भारत की स्थायी सदस्यता का पुरजोर समर्थन किया. 28 जून 2016 को भारत एमटीसीआर क्लब में शामिल हो गया, जिससे उसे क्रूज मिसाइल औऱ अन्य संवेदनशील सैन्य तकनीक हासिल हो पाई. पाकिस्तान पर आतंकवाद (Terrorism) पर कठोर कार्रवाई को लेकर शिकंजा कसा गया.
2 साल में 8 बार बड़े मंचों पर मिले ओबामा-मोदी
सितंबर 2016 में पीएम मोदी और ओबामा वियांतिने में ईस्ट एशिया समिट के दौरान द्विपक्षीय बैठक की. यह दो साल के भीतर दोनों नेताओं की 8वीं मुलाकात थी. सितंबर 2014 में दोनों नेताओं की पहली मुलाकात हुई थी, जब पीएम मोदी यूएन महासभा (PM Modi UNGA Speech Today) के सालाना अधिवेशन में हिस्सा लेने अमेरिका गए थे.
-------मोदी और ट्रंप की जुगलबंदी--------
पहली मुलाकात में ही Trump के साथ जम गई जोड़ी
नवंबर 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति बने रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के साथ भी मोदी के रिश्ते सुर्खियों में रहे. पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली मुलाकात 27 जून 2017 को हुई, जब प्रधानमंत्री अमेरिकी यात्रा पर थे. ट्रंप ने इस दौरान कहा कि भारत-अमेरिका संबंध कभी इतना मजबूत नहीं रहे. नमस्ते ट्रंप औऱ हाउडी मोदी को ट्रंप के दोबारा चुनाव अभियान के समर्थन के तौर पर भी देखा गया.
'नमस्ते ट्रंप' (Namaste Trump) का अभूतपूर्व आयोजन
डोनाल्ड ट्रंप अपने कार्यकाल के आखिरी साल 2020 के फरवरी माह में भारत आए जहां अहमदाबाद में उनका अभूतपूर्व स्वागत हुआ. नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) में 50 हजार की भीड़ के बीच नमस्ते ट्रंप (Namaste Trump) कार्यक्रम ऐतिहासिक रहा. हालांकि इस भव्य आयोजन पर भारी खर्च की आलोचना भी हुई. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा (Delhi Violence) के बीच ट्रंप का यह दौरा चर्चा में रहा.
हाउडी मोदी (Howdy Modi) का ऐतिहासिक कार्यक्रम
23 सितंबर 2019 को टेक्सास (Texas) में हुए हाउडी मोदी (Howdy Modi) आयोजन को आखिर कौन भूलेगा, जहां 50 हजार से ज्यादा की भीड़ के बीच 400 से ज्यादा कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुति दी. हाथों में हाथ डाले एनआरजी स्टेडियम पहुंचे ट्रंप और मोदी दोनों एक दूसरे की शान में कसीदे पढ़ते नजर आए. यह वो दौर था जब जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir Article 370) से अनुच्छेद 370 हटाई गई थी. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump in Howdy Modi) से मिले जोरदार समर्थन से अमेरिकी रुख से संदेह के बादल छट गए. मोदी ने कहा था, भारत को व्हाइट हाउस में सच्चा दोस्त मिल गया है, जो दोस्ताना रवैया रखने के साथ जोश और ऊर्जा से भरपूर है.
लद्दाख (Ladakh) पर मिला अमेरिका का साथ
चीन (China LAC) के साथ लद्दाख सीमा (Ladakh Border) पर टकराव के बीच पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच करीब 40 मिनट फोन पर चर्चा हुई थी. चीन की विस्तारवादी नीतियों पर प्रहार करते हुए ट्रंप ने खुलकर कहा कि अमेरिका भारत के लिए संकट के वक्त में साथ खड़ा रहेगा.