प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को रूस का सर्वोच्च सम्मान दिया गया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने देश के अत्यंत प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द अपोसल' से आधिकारिक रूप से सम्मानित किया.
भारत और रूस के बीच साझेदारी और दोस्ती को बढ़ावा देने के भारत के प्रधानमंत्री के उत्कृष्ट प्रयासों के लिए नरेंद्र मोदी को रूस का सर्वोच्च सम्मान दिया गया. पीएम मोदी की दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में असाधारण सेवाओं के लिए प्रशंसा की गई.
क्या है ‘द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द अपोसल' सम्मान :
- साल 1698 में यीशू के प्रथम प्रचारक और रूस के संरक्षक संत सेंट एंड्रयू के सम्मान में जार पीटर द ग्रेट द्वारा स्थापित ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोसल' रूस का सर्वोच्च राजकीय सम्मान है.
- यह एक ही वर्ग में प्रदान किया जाता है और केवल सबसे उत्कृष्ट नागरिक या सैन्य योग्यता के लिए दिया जाता है.
ये सम्मान समारोह ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू के भव्य हॉल में हुआ. इसका उपयोग सदियों से रूस में औपचारिक आयोजनों के लिए किया जाता रहा है. ज़ारिस्ट युग के दौरान, इसमें मौजूदा राजा का सिंहासन था.
हाल ही में, इसका उपयोग रूसी राष्ट्रपति के उद्घाटन समारोह के आयोजन के लिए किया गया है. इन ऐतिहासिक दीवारों के भीतर किसी अन्य देश के नेता को पुरस्कार देना वास्तव में एक बड़ा सम्मान है.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रूस दौरे के दूसरे दिन आज क्रेमलिन में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी अहम बयान दिया. उन्होंने कहा कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं होते हैं, बातचीत के जरिए मुद्दों का समाधान करें.
युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं- रूस-यूक्रेन जंग पर पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए शांति अत्यधिक सर्वाधिक है, लेकिन मैं ये भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं होते हैं. बम, बंदूक और गोलियों के बीच समाधान और शांति वार्ता सफल नहीं होती है और हमें वार्ता के माध्यम से ही शांति के रास्ते अपनाने होते हैं. शांति बहाली के लिए भारत हर संभव सहयोग करने को तैयार है. मैं आपको और विश्व समुदाय को आश्वस्त करता हूं कि भारत शांति के पक्ष में है. मेरे मित्र पुतिन को शांति के बारे में बात करते हुए सुनकर मुझे आशा मिलती है. मैं अपने मीडिया मित्रों से कहना चाहूंगा- संभव है.''
आतंकवाद भयानक और घिनौना होता है- PM मोदी
इस दौरान पीएम मोदी ने पुतिन के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा, "पिछले 40-50 साल से भारत आतंकवाद को झेल रहा है. आतंकवाद कितना भयानक और घिनौना होता है, वह हम पिछले 40 वर्षों से सामना कर रहे हैं. ऐसे में जब मॉस्को में आतंकवादी घटनाएं हुईं, जब दागिस्तान में आतंकवादी घटनाएं हुईं, उसका दर्द कितना गहरा होगा, इसकी मैं कल्पना कर सकता हूं. मैं सभी प्रकार के आतंकवाद की घोर निंदा करता हूं. पिछले ढाई दशकों से मेरा रूस के साथ-साथ, आपके साथ भी संबंध रहा है. हम करीब 10 साल में 17 बार मिल चुके हैं. पिछले 25 वर्षों में हमारी लगभग 22 द्विपक्षीय बैठकें हुई हैं. यह हमारे संबंधों की गहराई को दर्शाता है. मैं ये कह सकता हूं कि 25 साल की हमारी इस गहन यात्रा के सूत्रधार आप रहे हैं. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ये कार्यकाल हमारे संबंधों को और गहरा एवं घनिष्ठ बनाएगा. हम नई-नई उपलब्धियों को लेकर आगे बढ़ेंगे.''
पुतिन संग मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने पेट्रोल-डीजल में रूस के सहयोग की सराहना की. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आपके सहयोग के कारण पेट्रोल-डीजल की डील ने महंगाई से बचाया.