एनसीपी प्रमुख और विपक्ष के अनुभवी नेता शरद पवार ने आज केंद्र सरकार और महाराष्ट्र में बीजेपी व एकनाथ शिंदे की गठबंधन सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर नहीं गए और उन्होंने इसके बारे में बहुत कम समय चर्चा की. पवार ने कहा, "प्रधानमंत्री ने मणिपुर की महिलाओं के दर्द को नहीं समझा."
शरद पवार ने कहा, “मणिपुर में समाज और गांवों के बीच विभाजन है, लोग एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं, घर जलाए जा रहे हैं, महिलाओं को नग्न करके घुमाया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी सरकार कुछ नहीं कर रही है.” पवार ने कहा कि, कानून और व्यवस्था बनाए रखने का काम राज्य का है. मणिपुर में "डबल इंजन" सरकार है, राज्य में भी बीजेपी का शासन है.
प्रधानमंत्री को मणिपुर जाना चाहिए था
उन्होंने महाराष्ट्र के बीड में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, "भारत के प्रधानमंत्री को मणिपुर जाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने सत्र से पहले मणिपुर के बारे में 3 मिनट और अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सिर्फ 5 मिनट बात की." शरद पवार ने कहा, "प्रधानमंत्री ने मणिपुर की महिलाओं के दर्द को नहीं समझा."
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का एक गुट महाराष्ट्र में बीजेपी-शिंदे सरकार में गठबंधन में शामिल हो गया है जबकि शरद पवार की एनसीपी नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वालों में शामिल थी. इस प्रस्ताव के पीछे विचार यह था कि प्रधानमंत्री को मणिपुर मुद्दे पर बोलने के लिए मजबूर किया जाए. यह विपक्ष की एक प्रमुख मांग थी जिससे मानने से सरकार ने इनकार कर दिया था.
मणिपुर पर पीएम ने दो बार की चर्चा
पूर्वोत्तर राज्य में 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से पीएम मोदी ने केवल दो बार मणिपुर के बारे में बात की है. पिछले सप्ताह लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया के दौरान उन्होंने लगभग 90 मिनट बाद, विपक्षी सदस्यों के बहिर्गमन के बाद इस मुद्दे पर चर्चा की.
कांग्रेस को "पूर्वोत्तर में सभी समस्याएं पैदा करने" के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश मणिपुर के लोगों के साथ है और राज्य में "शांति का सूरज" फिर से उगेगा.