पीएम केयर्स फंड के लिए प्रधानमंत्री के नाम, तस्वीर आदि के इस्तेमाल पर कोई रोक नहीं : PMO ने कोर्ट में कहा

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम.एस.कार्णिक की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत एक हलफनामे में, पीएमओ में अवर सचिव प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में प्रधानमंत्री की तस्वीर, नाम और राष्ट्रीय प्रतीक का भी इस्तेमाल किया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 23 mins
इस याचिका में ‘पीएम केयर्स फंड' से प्रधानमंत्री का नाम और तस्वीर हटाने का अनुरोध किया गया है.
मुंबई:

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को बम्बई उच्च न्यायालय को बताया कि पीएम केयर्स फंड के लिए प्रधानमंत्री के नाम और तस्वीर के साथ-साथ राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीक चिन्ह की छवि के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम.एस.कार्णिक की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत एक हलफनामे में, पीएमओ में अवर सचिव प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) में प्रधानमंत्री की तस्वीर, नाम और राष्ट्रीय प्रतीक का भी इस्तेमाल किया गया था. हलफनामा कांग्रेस कार्यकर्ता विक्रांत चव्हाण की याचिका के जवाब में दाखिल किया गया है. इस याचिका में ‘पीएम केयर्स फंड' से प्रधानमंत्री का नाम और तस्वीर हटाने का अनुरोध किया गया है.

याचिका में आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) की आधिकारिक वेबसाइट से राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीक की छवियों को हटाने का भी अनुरोध किया गया है.

''राम और कृष्ण की तरह भगवान के अवतार हैं PM नरेंद्र मोदी'' : मध्‍य प्रदेश सरकार के मंत्री का बयान

Advertisement

पीएमओ ने हलफनामे में कहा, ‘‘पीएम केयर्स फंड और पीएमएनआरएफ दोनों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं. जैसा कि नाम के रूप में, प्रधानमंत्री की तस्वीर और राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग पीएमएनआरएफ के लिए किया जा रहा है, इनका इस्तेमाल पीएम केयर्स फंड के लिए भी किया जा रहा है.''

Advertisement

हलफनामे के अनुसार, प्रधानमंत्री पीएम केयर्स फंड के अध्यक्ष (पदेन) होते हैं और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री पदेन न्यासी होते हैं. पीएमओ के हलफनामे में कहा गया है, ‘‘पीएम केयर्स फंड के सभी न्यासी नि:स्वार्थ भाव से कार्य करते हैं.''

Advertisement

कोरोना के खिलाफ हम जरूर जीतेंगे, Omicron नई चुनौती बनकर सामने आया : मुख्‍यमंत्रियों के साथ बैठक में PM

Advertisement

हफलनामे में चव्हाण की याचिका खारिज किए जाने का अनुरोध किया गया है. पीठ ने मंगलवार को तीन सप्ताह के बाद मामले को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.

गौरतलब है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल या किसी अन्य प्रकार की आपात स्थिति या आपदा में राहत देने के लिए 27 मार्च, 2020 को एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में पीएम केयर्स फंड की स्थापना की गई थी.

Video: पीएम मोदी ने कहा, भारत में निवेश का यह सबसे अच्छा समय है

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Delhi Election 2025: कौन होगा BJP का CM Face? बता रहे हैं Ramesh Bidhuri, देखें Exclusive Interview
Topics mentioned in this article