"इस पल का साक्षी बनना सुखद...": रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा से पहले उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़

Ayodhya Ram Mandir ceremony: रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा से पहले उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट कर कहा कि आइए हम चारों ओर ज्ञान, शांति, सद्भाव और धार्मिकता लाने के लिए प्रभु श्री राम के सत्यनिष्ठा, क्षमा, बहादुरी, ईमानदारी, नम्रता और करुणा के मूल्यों को जीवन के तरीके के रूप में विकसित करने का संकल्प लें.

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नई दिल्‍ली:

मंदिर नगरी अयोध्या नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पूरी तरह तैयार है और इस बहु-प्रतीक्षित समारोह के धार्मिक अनुष्ठानों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे. भगवान राम के बाल रूप रामलला की मूर्ति की ‘प्राण प्रतिष्ठा' में देश के प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक संप्रदायों के प्रतिनिधियों, विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों सहित सभी क्षेत्रों के प्रमुख लोग शामिल हो रहे हैं. उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस ऐतिहासिक पल के लिए बधाई दी है. 

रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा से पहले उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट कर कहा, "ऐतिहासिक नगरी अयोध्या, राम जन्मभूमि में राम मंदिर प्रण प्रतिष्‍ठा के इस युगांतकारी दिवस पर बधाई. सर्वत्र राष्ट्रीय गौरव के पुनर्जागरण के जश्न के पल का साक्षी बनना सुखद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हार्दिक शुभकामनाएं... उन्‍होंने 11 दिनों के अनुष्‍ठान किये...

उन्‍होंने कहा, "22 जनवरी इतिहास में हमारे सभ्यतागत पथ में 'दिव्यता के साथ साक्षात्कार' के निर्णायक क्षण के रूप में अंकित है. इस दिन, आइए हम चारों ओर ज्ञान, शांति, सद्भाव और धार्मिकता लाने के लिए प्रभु श्री राम के सत्यनिष्ठा, क्षमा, बहादुरी, ईमानदारी, नम्रता और करुणा के मूल्यों को जीवन के तरीके के रूप में विकसित करने का संकल्प लें."

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12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी प्राण प्रतिष्‍ठ विधि

प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और मंदिर निर्माण ट्रस्ट के अनुसार इसके दोपहर एक बजे तक सम्पन्न होने की उम्मीद है. इसके बाद प्रधानमंत्री एक सभा को संबोधित करेंगे. राम मंदिर का निर्माण और प्रबंधन कर रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य ने बताया, "प्रधानमंत्री मंदिर निर्माण से जुड़े 'श्रमजीवियों' के साथ भी बातचीत करेंगे." उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी कुबेर टीला भी जाएंगे, जहां एक प्राचीन शिव मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। वह वहां पूजा करेंगे.

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फूलों और विशेष रोशनी से सजी अयोध्‍या 

राम मंदिर को फूलों और विशेष रोशनी से सजाया गया है और पूरा शहर धार्मिक उत्साह से सराबोर है। उपरिगामी सेतु (फ्लाईओवर) पर स्ट्रीटलाइट्स को भगवान राम की कलाकृतियों के साथ-साथ धनुष और तीर के कटआउट से सजाया गया है और सजावटी लैंपपोस्ट पारंपरिक 'रामानंदी तिलक' पर आधारित डिजाइन वाले हैं. अयोध्या में जगह-जगह रामलीलाएं, भागवत कथाएं, भजन संध्याएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे हैं. अयोध्या को फूलों से सजाया गया है. रविवार को लाउडस्पीकर पर 'राम धुन' बजाई गई और शहरवासी भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के रूप में सजे हुए सड़कों पर निकले और उनके पीछे-पीछे मंत्रमुग्ध भक्त भी शामिल हुए.

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पुष्पों की सजावट और रोशनी में 'जय श्री राम' का चित्रण करने वाले औपचारिक द्वार शहर की आभा को बढ़ा रहे हैं.  प्राण प्रतिष्ठा का जश्न भारत के साथ-साथ 60 अन्य देशों में भी मनाए जाने की तैयारी है। अमेरिका से लेकर फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया तक विश्व हिंदू परिषद और हिंदू प्रवासी समूहों द्वारा कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी की गई है.

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