प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार को जालौन जिले की उरई तहसील के कैथेरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया. उन्होंने 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था. इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया है और अब इसका उद्घाटन किया गया.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार केन्द्र सरकार देश भर में कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसकी एक प्रमुख विशेषता सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने की दिशा में काम करना है. इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया था. इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा किया गया है और अब इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा.
बयान के मुताबिक कुल 296 किलोमीटर लंबे इस चार लेन वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है.
यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है. यह एक्सप्रेसवे सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है.
माना जा रहा है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के ढेरों अवसर सृजित होंगे। बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है.
जालौन के पुलिस अधीक्षक रवि कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर सुरक्षाकर्मियों द्वारा जिला मुख्यालय उरई के सभी होटल एवं रेस्टोरेंट पर सघन जांच पड़ताल अभियान चलाया जा रहा है.
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