मध्य प्रदेश के चित्रकूट में एक आश्रम में बाबा के रूप में रहने वाले 50,000 के इनामी 65 वर्षीय छेदा सिंह को उसके पैतृक गांव से गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बारे में माना जाता है कि वह उन डकैतों में शामिल था, जिन्होंने 1980 में फूलन देवी का अपहरण किया था. उसे यूपी के औरैया जिले के भसौं गांव में गिरफ्तार किया गया, जब वह अपना इलाज कराने वहां गया. छेदा दो दशक से चित्रकूट में जानकी कुंड के पास एक आश्रम में सेवादार के रूप में एक बाबा के वेश में रह रहा था.
पुलिस ने मध्य प्रदेश में सतना जिले के रघुराज नगर जं निवासी ब्रजमोहन दास के नाम से बनाए गए फर्जी आईडी प्रूफ बरामद किए. छेड़ा महज 23-24 साल की उम्र में चंबल के बीहड़ों में लालराम गैंग में शामिल हो गया था. वह लालराम गिरोह के सबसे सक्रिय सदस्यों में से था. इस गैंग को लालराम और सीताराम सिंह चलाते थे. उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी गिरोह के नेता बिक्रम मल्लाह की हत्या के बाद, 1980 में बिक्रम की प्रेमिका और गिरोह की सदस्य फूलन देवी का अपहरण कर लिया था.
हत्या, डकैती, अपहरण और जबरन वसूली के 20 से अधिक मामलों में वांछित छेदा को यूपी की एक अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया. जिसके बाद यूपी पुलिस ने अक्टूबर 2015 में उसके सिर पर 50,000 रुपये का इनाम रखा था.