- फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर PM मोदी के निमंत्रण पर पांच दिवसीय राजकीय दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे हैं.
- यह यात्रा भारत-फिलीपींस के 75 वर्षों के कूटनीतिक संबंधों के अवसर पर दोनों देशों के सहयोग को मजबूत करेगी.
- राष्ट्रपति मार्कोस मंगलवार को PM मोदी, राष्ट्रपति मुर्मु और केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा से भी मुलाकात करेंगे.
फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर अपने पांच दिवसीय दौरे पर भारत में हैं. प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर वे सोमवार को नई दिल्ली पहुंचें. भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार की रात उनसे को मुलाकात की. जयशंकर ने विश्वास जताया कि राष्ट्रपति मार्कोस की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंगलवार को होने वाली वार्ता दोनों देशों के रिश्तों को और गहरा करेगी.
राष्ट्रपति मार्कोस के साथ उनकी पत्नी फर्स्ट लेडी लुईस अरणेटा मार्कोस भी आई हैं. मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत होगा और वे राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे. मंगलवार को ही राष्ट्रपति मार्कोस की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से भी मुलाकात होगी. बुधवार को वे दिल्ली में अन्य कार्यक्रमों में भाग लेंगे, जबकि गुरुवार को वे बेंगलुरु की यात्रा पर जाएंगे. इसके बाद वे फिलीपींस लौट जाएंगे.
इससे पहले, विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने राष्ट्रपति मार्कोस का हवाई अड्डे पर स्वागत किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी राष्ट्रपति के आगमन पर खुशी व्यक्त की और कहा कि यह यात्रा भारत-फिलिपींस संबंधों को और सुदृढ़ करेगी. जायसवाल ने एक्स पर लिखा, "माबुहाय, राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर! वे अपनी पहली राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे हैं. उनका स्वागत विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने किया. भारत और फिलीपींस इस वर्ष अपने कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई देगी."
भारत और फिलीपींस की दोस्ती क्यों है अहम?
भारत और फिलीपींस के बीच कूटनीतिक संबंध नवंबर 1949 में स्थापित हुए थे. तब से दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा, समुद्री सहयोग, कृषि, स्वास्थ्य, फार्मास्युटिकल और डिजिटल तकनीक सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग मजबूत हुआ है. क्षेत्रीय मंचों पर भी दोनों देशों की साझेदारी मजबूत रही है, विशेष रूप से भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत.
विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत-फिलीपींस संबंध हमारी 'एक्ट ईस्ट' नीति, 'महासागर दृष्टिकोण' और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीति के प्रमुख स्तंभ हैं. राष्ट्रपति मार्कोस की यह राजकीय यात्रा, भारत-फिलीपींस कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर हो रही है. यह दोनों देशों के नेताओं के लिए भविष्य की साझेदारी की दिशा तय करने और क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर संवाद का अवसर प्रदान करती है."
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस की पिछली मुलाकात 2024 में लाओस में आयोजित 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें ईस्ट एशिया समिट के दौरान हुई थी. 2023 में भी दोनों नेता जकार्ता में 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में मिले थे. प्रधानमंत्री मोदी 2017 में फिलीपींस की यात्रा कर चुके हैं.
भारतीय नौसेना और फिलीपींस के बीच रक्षा सहयोग लगातार मजबूत होता जा रहा है. इस सहयोग के तहत भारतीय नौसेना के जहाज अक्सर फिलीपींस का दौरा करते हैं, जबकि भारत भी अपने बंदरगाहों को फिलीपींस के जहाज़ों के रखरखाव के लिए उपलब्ध कराता है. 30 जुलाई को भारतीय नौसेना के तीन जहाज आईएनएस मैसूर, आईएनएस किल्टन और आईएनएस शक्ति फिलीपींस के दौरे पर पहुंचे. फिलीपींस की सेना ने सोमवार को कहा कि भारतीय नौसेना के इन तीनों युद्धपोतों ने पहली बार अपने फिलीपीन के युद्धपोतों के साथ विवादित दक्षिण चीन सागर के क्षेत्रों में गश्त शुरू कर दी है. विवादित जलमार्ग पर सिलसिलेवार झड़पों के बाद फिलीपींस ने पिछले साल कई सहयोगियों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाया है. दरअसल बीजिंग लगभग संपूर्ण दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जबकि कि अंतरराष्ट्रीय फैसले हैं कि चीन के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है.