Crude Oil Prices : केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि वो पेट्रोल-डीजल के दामों (Petrol Diesel Prices) में बहुत ज्यादा उछाल नहीं आने देगी और उसे काबू में रखने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी. इसके लिए पेट्रोलियम पदार्थों के रिजर्व भंडार का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. हालांकि राज्यों के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा पेट्रोलियम के रिजर्व भंडार का इस्तेमाल का बेहद कम ही देखा गया है. यूक्रेन संकट के कारण दुनिया में कच्चे तेल के बढ़ते दामों के बीच सरकार ने कहा है कि वो वैश्विक ऊर्जा बाजार में मची हलचल पर पूरी नजर बनाए हुए है. वो यूक्रेन और रूस के बीच जंग (Ukraine Russia War) के बीच तेल-गैस की आपूर्ति में किसी भी रुकावट की संभावनाओं को देखते हुए भी तैयारी कर रही है.
सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि भविष्य में ऊर्जा के इस्तेमाल में आने वाले बदलावों और जनता की जरूरतों को देखते हुए भारत सभी जरूरी प्रबंध करेगा. वो तेल की खपत करने के लिए कार्बन उत्सर्जन की कटौती के लक्ष्य को भी पाने की ओर प्रयासरत रहेगा. भारत स्थिर कीमतों पर तेल-गैस की मौजूदा आपूर्ति को सामान्य बनाए रखने के लिए भी सभी आवश्यक कदम उठाएगा. भारत कच्चे तेल की कीमतों को काबू में करने और बाजार में मची उथल-पुथल को शांत करने के लिए रणनीतिक रिजर्व भंडार (Strategic Petroleum Reserves) से अतिरिक्त तेल-गैस को बाहर लाने से जुड़े कदमों का भी समर्थन करेगा
गौरतलब है कि यूक्रेन संकट के कारण कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुकी हैं. एक वक्त तो इसने 105 डॉलर प्रति बैरल का स्तर छू लिया था, लेकिन अमेरिका और यूरोपीय संघ के देशों के कदमों के बाद इसमें कुछ गिरावट देखने को मिली. हालांकि भारत में पिछले कुछ महीनों से क्रूड ऑयल के दामों का असर पेट्रोल-डीजल पर नहीं पड़ा है और कीमतें लगातार स्थिर रखी गई हैं. माना जा रहा है विधानसभा चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेल-गैस एजेंसियों की ओर से कोई इजाफा नहीं किया गया है. हालांकि आशंका है कि चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल फिर 100 रुपये प्रति लीटर का स्तर पार कर सकता है.