पेट्रोल औऱ डीजल की कीमतों (Petrol Diesel Prices) में पिछले पांच दिनों में 3 रुपये से भी ज्यादा का इजाफा हो चुका है और आम आदमी पर इसकी बुरी मार पड़ी है. इसी बीच महाराष्ट्र के औरंगाबाद ले में एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जब एक शख्स घोड़े पर सवार (Commuting On Horse) होकर अपने काम पर जाता दिखा. टेंपो-बस या किसी अन्य सार्वजनिक परिवहन में सफर न करने की भी उसके पास वजह है, उसका कहना है कि कोविड-19 की पाबंदियों के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए उसने ये रास्ता चुना है. औरंगाबाद (Aurangabad) में एक फार्मेसी कॉलेज में लैब असिस्टेंट के तौर पर काम करने वाले शेख युसूफ का महंगाई की मार को कम करने का यह अनोखा अंदाज चर्चा का विषय बना हुआ है. औरंगाबाद में डीजल का रेट 100 रुपये प्रति लीटर से कुछ पैसे ही कम है. जबकि पेट्रोल 115 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुका है.
रविवार को पेट्रोल की कीमतों में 50 पैसे और डीजल में 55 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. एक हफ्ते में पेट्रोल और डीजल के दाम 3.70 से 3.75 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ चुके हैं. राज्यों के बिक्री कर के हिसाब से हर प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में थोड़ा बहुत फर्क होता है. शेख युसूफ का कहना है कि हालात को देखते हुए उसने बाइक चलाना छोड़ दिया है और नौकरी के लिए 15 किलोमीटर का सफर वो घुड़सवारी के जरिये करता है. उसने कोरोना में लॉकडाउन के दौरान भी ये ही तरीका अपनाया था. युसूफ ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गैराज काफी वक्त बंद था, कई तरह की पाबंदियां लगी थीं, लिहाजा उसने मोटरसाइकिल की जगह घोड़ा (Kathiawadi horse) खरीदा और सफर शुरू कर दिया.
अब तो वो किराने का सामान खरीदने से लेकर पारिवारिक समारोहों के दौरान भी घोड़े से जाता है. उसका कहना है कि निश्चित तौर पर घोड़े की सवारी मोटरसाइकिल से काफी सस्ती है. लेकिन वो अपने घोड़े की सेहत का पूरा ख्याल रखता है. लोग भी उसे रास्ते में देखकर बहुत खुश होते हैं. युसूफ का कहना है कि अगर पेट्रोल औऱ डीजल के दाम कम होंगे, तभी महंगाई को रोका जा सकेगा, अन्यथा वो इसी तरह बढ़ते रहेंगे.