महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में शराब की ब्रिकी पर लगी रोक को हटाने को लेकर बंबई उच्च न्यायालय में कई जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं. याचिकाएं डॉ अभय बांग, पूर्व विधायक डब्ल्यूएस छतप और कुछ आदिवासियों ने दायर की हैं. इनमें राज्य कैबिनेट के फैसले और आठ जून 2021 के परिपत्र को चुनौती दी गई है, जिसमें चंद्रपुर में शराब की बिक्री पर लगे प्रतिबंध को रद्द किया गया है. याचिकाएं सोमवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आईं.
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बांग के वकील रफीक दादा और उदय वरुंजिकर ने उच्च न्यायालय को बताया कि चंद्रपुर एक आदिवासी क्षेत्र है और वहां पर अगर शराब बेचने की अनुमति दी गई तो लोग इसके आदी हो जाएंगे और ऐसे में महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. मामले को थोड़ी देर सुनने के बाद, अदालत ने कहा कि नागपुर पीठ के पास इस मामले की सुनवाई का अधिकार है. हालांकि, दादा ने अदालत को बताया कि (प्रतिबंध को रद्द करने का) निर्णय मुंबई में लिया गया था.
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मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा कि सभी निर्णय मुंबई में लिए जाते हैं क्योंकि मंत्रालय यहां स्थित है लेकिन इस विशेष निर्णय का प्रभाव चंद्रपुर में है और इसलिए, नागपुर पीठ को मामले की सुनवाई करनी चाहिए.
गौरतलब है कि इस साल जून में, महाराष्ट्र सरकार ने चंद्रपुर जिले में शराब की बिक्री और सेवन पर लगे प्रतिबंध को रद्द करने का फैसला किया था और दावा किया था कि यह एक समिति की सिफारिशों पर आधारित था. जिले में अप्रैल 2015 से शराब की बिक्री पर रोक थी.
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