मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बुधवार को कहा कि देश के निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में बेहताशा शुल्क होने के कारण भारतीय छात्रों को चिकित्सा शिक्षा के लिए विदेश जाने को मजबूर होना पड़ता है. वामपंथी दल ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में कई भारतीय छात्रों के फंसे होने की पृष्ठभूमि में यह टिप्पणी की है.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘निजी शिक्षण संस्थानों पर शायद ही कोई नियंत्रण है. मोदी सरकार बेहताशा शुल्क की अनुमति देती है ताकि वे अधिक से अधिक फायदा उठा सकें. ऐसे में परिवार अपने बच्चों को पेशेवर शिक्षा के लिए विदेश भेजने को मजबूर होते हैं और उन्हें इस तरह की त्रासदी का सामना करना पड़ता है. शिक्षा की दुकानों को बढ़ावा देना बंद किया जाए.''
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