Pegasus spyware: 'आखिरी उम्मीद अब सुप्रीम कोर्ट', पी चिदंबरम ने ताबड़तोड़ किए तीन ट्वीट

चिदंबरम ने ट्वीट किया है, "दुनिया उन डरपोक भारतीय अखबारों को नहीं पढ़ती, जिन्होंने कुछ दिनों बाद इस खबर को अपने पन्ने से हटा दिया है. हमारी उम्मीदें अब सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं."

विज्ञापन
Read Time: 23 mins
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि भारतीय अखबारें डरपोक हैं.
नई दिल्ली:

कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने कहा है कि पेगासस जासूसी मामले में अब आखिरी उम्मीद सुप्रीम कोर्ट पर ही टिकी है क्योंकि भारतीय अखबारों मे अब अपने पन्नों से इस मामले से जुड़ी खबरें हटा दी हैं. उन्होंने भारतीय अखबारों को डरपोक करार दिया है.

चिदंबरम ने ट्वीट किया है, "दुनिया उन डरपोक भारतीय अखबारों को नहीं पढ़ती, जिन्होंने कुछ दिनों बाद इस खबर को अपने पन्ने से हटा दिया है. हमारी उम्मीदें अब सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं."

Advertisement

पेगासस मामला : 'अगर मीडिया रिपोर्ट्स सही हैं तो आरोप काफी गंभीर हैं', पहली सुनवाई में बोला सुप्रीम कोर्ट

Advertisement

पूर्व केंद्रीय गृह और वित्त मंत्री चिदंबरम ने एक के बाद एक कुल तीन ट्वीट किए हैं. उन्होंने मशहूर अंतरराष्ट्रीय ब्रिटिश पत्रिका 'द इकोनॉमिस्ट' में छपी खबर के हवाले से लिखा है, "द इकोनॉमिस्ट पत्रिका ने रिपोर्ट किया है कि भारत उन दस देशों में शामिल है, जिनके पास कुल मिलाकर 50,000 टेलीफोन नंबरों की संभावित सूची है, जिनमें से सैकड़ों नंबरों में घुसपैठ की गई थी. एनएसओ ग्रुप ने स्वीकार किया है कि उसके पास क्लाइंट के रूप में 40 देश और 60 एजेंसियां ​​हैं."

Advertisement
Advertisement

उन्होंने आगे लिखा है, "उनमें से दस देशों ने जासूसी के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया. क्या उनमें भारत भी एक है, यही प्रश्न है.  दुनिया द इकोनॉमिस्ट, टाइम, न्यूयॉर्क टाइम्स, गार्जियन आदि पढ़ती है." बता दें कि राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, जजों समेत कई लोगों की कथित जासूसी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है. पिछले गुरुवार को इस मामले में पहली सुनवाई करते हुए CJI ने इसे गंभीर बताया था.

Featured Video Of The Day
Shubhanshu Shukla: बस 4 दिन और, अंतरिक्ष में बड़ी उड़ान भरेगा भारत | ISRO | Axiom Mission 4
Topics mentioned in this article