'राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करना चाहते' : पेगासस मामले में सुनवाई के दौरान SC ने केंद्र से कहा

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसके पास 'अदालत से छिपाने के लिए कुछ नहीं है'. सुप्रीम कोर्ट पेगासस स्वाईवेयर मामले में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसके पास 'अदालत से छिपाने के लिए कुछ नहीं है'. (फाइल)
नई दिल्ली:

Pegasus SPY Scandal: केंद्र सरकार (Central Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कहा कि उसके पास 'अदालत से छिपाने के लिए कुछ नहीं है'. सुप्रीम कोर्ट पेगासस स्वाईवेयर मामले में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नोटिस भी जारी किया है और कहा है कि सरकार को उन आरोपों का जवाब देना चाहिए जिनमें कहा गया है कि इजरायली स्पाईवेयर का इस्तेमाल अलग-अलग फोन पर किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया मिलने के बाद ही जांच के लिए समिति बनाने पर फैसला करेगा.

इस मामले में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम यह नहीं चाहते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया जाए, लेकिन लोगों का दावा है कि उनके फोन पर हमला किया गया है. उनके दावों के अनुसार एक सक्षम प्राधिकारी ही इस पर प्रतिक्रिया दे सकता है. 

Pegasus Scandal:केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं 

केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया और पेगासस मामले में तथ्यों को सार्वजनिक करने के खिलाफ तर्क पेश किए. 

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा, 'सभी याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट की जांच की बात पूछी जाती है. कल उन्होंने पूछा था कि वे चाहते हैं कि सरकार जवाब दे कि क्या पेगासस का इस्तेमाल किया गया था. यह सॉफ्टवेयर सभी देशों ने खरीदा है, लेकिन कौन सा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया गया था या नहीं, यह राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से किसी भी देश के द्वारा नहीं बताया जाता है.'

पेगासस कांड: बंगाल सरकार की ओर से गठित जांच आयोग के खिलाफ SC में याचिका दाखिल

 मेहता ने कोर्ट से कहा, ‘हमारे पास में अदालत से छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. हम अदालत द्वारा गठित समिति के सामने सब कुछ रखेंगे, लेकिन इसे हलफनामे के माध्यम से सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. 

इस मामले में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और पत्रकार एन राम और शशि कुमार की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा, 'हम भी नहीं चाहते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया जाए. बस सरकार को यह जवाब देना चाहिए कि उसने पेगासस का इस्तेमाल किया या नहीं'. इस मामले में दस दिन बाद फिर सुनवाई होगी.

पेगासस आरोपों के चलते सरकार और विपक्ष के मध्य गतिरोध बना हुआ है, जिसके कारण संसद के मानसून सत्र में कई बार व्यवधान पैदा हुआ. 

Advertisement

द वायर सहित एक मीडिया कंसोर्टियम ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया था कि भारत के करीब 300 फोन इजरायली स्पाईवेयर फर्म एनएसओ के लीक डेटाबेस के संभावित लक्ष्यों की सूची में शुमार थे. हालांकि फिलहाल यह पता नहीं लगा है कि सभी फोन हैक किए गए थे. 

Featured Video Of The Day
Rahul Gandhi On Voter List: राहुल गांधी ने Election Commission लगाए ये आरोप | Fake Voters
Topics mentioned in this article