संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में पेगासस जासूसी कांड पर हंगामा जारी है. सदन की कार्यवाही भी सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है. इस पूरे मामले पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एनडीटीवी से कहा कि सरकार को संसद में गतिरोध तोड़ने के लिए सामने आना चाहिए, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है. हमारी मांग है कि सबसे पहले पेगासस स्पाइवेयर फोन हैक मामले पर संसद में चर्चा हो और गृहमंत्री जवाब दें और प्रधानमंत्री भी मौजूद रहें. UPA के कार्यकाल के दौरान तीन बार नियम 267 के तहत महंगाई और दूसरे मसलों पर चर्चा हुई. 4.8.2010 में इन्फ्लेशन पर चर्चा हुई. 07.12.2012 में एफडीआई इन रिटेल पर चर्चा हुई. 22.04.2013 में किसानों के आत्महत्या के मसले पर चर्चा हुई. 10.8.2016 में कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा हुई.16.11.2016 में नोटबंदी पर चर्चा हुई. ऐसे बहुत सारे उदाहरण है जब नियम 267 के तहत चर्चा हुई. सरकार को चर्चा करवानी चाहिए.
बता दें कि आज भी संसद की कार्यवाही नहीं हो पा रही है. सदन को बार-बार हंगामे के चलते स्थगित करना पड़ रहा है. विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा. लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि विपक्ष बिना वजह नॉन इशू को इशू बना रहा है. इसको लेकर पहले ही आईटी मिनिस्टर बोल चुके हैं. सरकार चर्चा को तैयार है जो बीएसी में तय हुआ है. कार्यवाही लगातार बाधित करके सांसदों का हक छीना जा रहा है.यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सदन को चलने नहीं दिया जा रहा जबकि सरकार जनता से जुड़े मुद्दे पर बात को तैयार है.
संसद में विपक्ष के हंगामे पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्षी दल हंगामा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने हमेशा कहा है कि चाहे किसानों का विषय हो या कोई भी और विषय, सरकार संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं. सरकार चर्चा चाहती है लेकिन विपक्ष चर्चा के लिए तैयार नहीं है.विपक्ष को चर्चा के लिए तैयार होना चाहिए.