उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलिया में माध्यमिक शिक्षा परिषद की अंग्रेजी परीक्षा का प्रश्न (Question Paper) पत्र लीक होने के मामले में पुलिस द्वारा विवेचना में धाराएं कम किए जाने के बाद जिला न्यायाधीश की अदालत ने सोमवार को इस मामले में गिरफ्तार पत्रकार (Journalist) को जमानत प्रदान की. पत्रकारों के अधिवक्ता अशोक तिवारी के अनुसार, जिला न्यायाधीश विकार अहमद अंसारी ने सोमवार को पत्रकार अजीत कुमार ओझा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ओझा को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. उल्लेखनीय है कि अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह व मनोज गुप्ता नगरा व उभांव थाना में दर्ज अन्य मुकदमे में भी आरोपित थे.
तिवारी ने बताया कि जिला न्यायाधीश की अदालत ने शनिवार को नगरा व उभांव थाने में दर्ज एक अन्य मुकदमे में गिरफ्तार पत्रकारों अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह व मनोज गुप्ता की जमानत मंजूर कर ली थी. उन्होंने बताया कि दोनों थाने में दर्ज मुकदमे में पुलिस ने विवेचना के दौरान पत्रकारों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराएं हटा ली हैं. उन्होंने बताया कि अब तीनों पत्रकार आईटी अधिनियम व परीक्षा अधिनियम की धाराओं में ही आरोपित हैं.
बलिया श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की बलिया तहसील के अध्यक्ष करुणा सिंधू सिंह ने जमानत मंजूर होने को पत्रकारों की जीत करार दिया है. इस बीच, संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा ने पत्रकारों का आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है. मोर्चा के संयोजक मंडल के सदस्य संदीप सौरभ सिंह ने बताया कि मोर्चा के बैनर तले जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट परिसर में चल रहा पत्रकारों का क्रमिक अनशन मंगलवार को भी जारी रहेगा.
उल्लेखनीय है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की अंग्रेजी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो गया था. इस मामले में पुलिस ने जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ ब्रजेश मिश्र, तीन पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह व मनोज गुप्ता सहित कुल 52 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. निरस्त परीक्षा गत 13 अप्रैल को संपन्न हुई. नगर मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार की शिकायत पर बलिया शहर कोतवाली में 30 मार्च को जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ ब्रजेश मिश्र व पत्रकार अजीत ओझा के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद नगरा व उभांव थाने में भी अलग-अलग मुकदमे दर्ज किये गये थे.
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