बक्‍सर के पास गंगा में पाए गए शवों के मामले में पटना HC ने बिहार सरकार से जवाब तलब किया

हाईकोर्ट ने शवों के अंतिम संस्कार के लिए मनमाने पैसे वसूलने के मामले में भी राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया है.

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प्रतीकात्‍मक फोटो
पटना:

पटना हाईकोर्ट ने बक्सर के पास गंगा नदी में पाए गए शवों के मामले पर बिहार सरकार को गुरुवार तक जवाब देने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उसने कोविड-19 प्रबंधन के लिए राय और परामर्श देने के लिए 12 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी गठित की है. निदेशक प्रमुख, रोग नियंत्रण, स्वास्थ सेवाएं इसके संयोजक होंगे.

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हाईकोर्ट ने शवों के अंतिम संस्कार के लिए मनमाने पैसे वसूलने के मामले में भी राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया है. एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया कि राज्य के पीएचसी व रेफरल अस्पतालों में ऑक्सीजन के अभाव के कारण मरीजों को बाहर जाना पड़ता है.गौरतलब है कि बिहार के बक्सर में सोमवार को दर्जनों शव पानी में तैरते हुए दिखाई दिए थे. इन लाशों को देखने के बाद बिहार के अधिकारियों ने तर्क दिया था कि यह उत्तर प्रदेश से आई हैं. अधिकारियों के अनुसार, बिहार में शवों को पानी में डालने की परंपरा नहीं है. जिस तरह उत्तर भारत के ग्रामीण इलाकों में संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं, उसको देखते हुए इन शवों के कोविड संक्रमित होने का संदेह जताया जा रहा है. 

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आशंका व्यक्त की जा रही है कोविड मरीजों की मौत के बाद ग्रामीणों ने डर से शवों को नदी में प्रवाहित कर दिया होगा. गांवों में कोविड मरीजों के अंतिम संस्कार के नियमों के पालन का अभाव देखा जा रहा है. ऐसे में इन बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कोविड संक्रमित होने के बाद शवों को नदी में बहा दिया गया हो. शवों के किनारे आने के बाद स्थानीयों में डर है कि दूषित पानी के कारण संक्रमण और तेजी से फैलेगा

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