भारत में ओमिक्रॉन से ठीक हुए पहले मरीज ने NDTV से साझा किया अपना अनुभव

दिल्ली के रोहिणी निवासी साहिल ठाकुर दुबई से भारत आए थे. उन्होंने बताया कि 4 दिसंबर को दुबई में उनके कोविड टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, लेकिन भारत पहुंचने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इस दौरान उन्हें किसी तरह के कोई लक्षण नहीं थे.

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मरीज ने एनडीटीवी को व्हाट्सएप चैट के जरिए बीमारी को लेकर अपना अनुभव साझा किया.

नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) तेजी से फैल रहा है. जिसके चलते हर रोज नए मरीजों में इसकी पुष्टि हो रही है. मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि देशभर में अब तक ओमिक्रॉन के 200 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. ये मामले देश के 12 राज्यों से सामने आए हैं. अधिकांश केस महाराष्ट्र और दिल्ली से है. इनमें से 77 मरीज अब तक ठीक भी हो चुके हैं. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोना के अन्य वेरिएंट से कम घातक है. इस बीच ओमिक्रॉन को मात देकर ठीक हुए एक मरीज ने एनडीटीवी को व्हाट्सएप चैट के जरिए बीमारी को लेकर अपना अनुभव साझा किया.

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दरअसल, दिल्ली के रोहिणी निवासी साहिल ठाकुर (27) दुबई से भारत आए थे. उन्होंने बताया कि 4 दिसंबर को दुबई में उनके कोविड टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, लेकिन भारत पहुंचने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इस दौरान उन्हें किसी तरह के कोई लक्षण नहीं थे. न गले में कोई दिक्कत थी और न ही बुखार था. 

उन्होंने बताया कि अगर मेरा टेस्ट नहीं होता तो मुझे पता ही नहीं चलता कि मुझे ओमिक्रॉन वेरिएंट का कोरोना हुआ है. अब मेरी रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं. मैंने दो बार टेस्ट कराए हैं. मेरी तबीयत खराब नहीं हुई. इस दौरान मैं अस्पताल में आइसोलेशन में रहा. वहां जितने मरीज थे उनमें अधिकांश को कोई लक्षण नहीं थे. मुझे पता भी नहीं लगा कि मुझे कोरोना है. मुझे एक भी लक्षण नहीं था. मैंने कोई दवाई भी नहीं ली. मैं ठीक महसूस कर रहा था तो अस्पताल में भी कोई दवाई कहने पर भी नहीं ली. तबीयत खराब लगती तो लेता.

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साहिल ने बताया कि शुरू में पता चला तो परेशान था. नीचे पीसीआर आ गई थी, अस्पताल ले जाने. सरकार का कोविड की रोकथाम को लेकर अच्छा कदम है. मेरे घर के नीचे चार गार्ड्स खड़े हैं. दिन और रात रहते हैं कि मैं हाउस अरेस्ट पर रहूं. तब इंडिया में दो ही केस थे. तब पता चला जो मेरे लिए चौंकाने वाला था. भरोसा ही नहीं हो रहा था, क्योंकि मैं दुबई से आया था. अफ्रीका में ज्यादा मामले थे, उस वक्त लगा कि मैं कैसे इसकी चेपट में आ गया. समय बीता तो लगा कि सब नॉर्मल है. ये आम फ्लू से भी ज्यादा हल्का लगा.

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उन्होंने कहा कि लोग सतर्क रहें, पर डरने जैसा कुछ नहीं है. मैं जिनसे भी मिला किसी को मैंने कोरोना ट्रांसमिट भी नहीं किया. हमने कोरोना की दोनो डोज ले रखी है तो ज्यादा असर दिखा नहीं. लोग सरकार के साथ कॉपरेट करें. मुझे पता है कि ये उतना घातक नहीं है. 

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