फ्रांस में चार दिनों तक फंसे रहने के बाद भारतीय यात्रियों की फ्लाइट आज वापस मुंबई (Suspected Human Trafficking) लौट आई. फ्रांस से वापस लौटे यात्रियों को देश लौटते ही उनकी विवादास्पद यात्रा पर कई सवालों का सामना करना पड़ा. दरअसल फ्रांसीसी अधिकारियों ने मानव तस्करी की जांच शुरू कर दी है. लेकिन इस बीच मुंबई हवाईअड्डे के बाहर वापस लौटे यात्रियों में से कई लोग मीडिया से बचते दिखे, वह मीडिया को देखकर उनके सवालों से बचने के लिए भागने की कोशिश कर रहे थे. बता दें कि आज सुबह तड़के फ्रांस से लौटी फ्लाइट मुंबई एयरपोर्ट पर उतरी, इस फ्लाइट में 276 यात्री सवार थे, जिनमें ज्यादातर भारतीय थे.
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मीडिया के सवालों से बचते दिखे फ्रांस से लौटे यात्री
जैसे ही 276 यात्री मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे, वहां पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने पहले तो उनसे अच्छी तरह से पूछताछ की, जिसके बाद उनको जाने की परमिशन दी गई. उनकी यात्रा का मकसद जानने के लिए एयरपोर्ट के बाहर मीडियाकर्मी पहले से ही उनका इंतजार कर रहे थे. लेकिन सभी यात्रियों ने मीडिया से बचने की पूरी कोशिश की. मीडिया के सवाल के जवाब में एक यात्री ने कहा कि कोई भी फ्रांस से नहीं आ रहा है. इसके बाद वह भीड़ में कहीं गायब हो गया. वहीं एक अन्य यात्री ने ये स्वीकार किया कि वह फ्रांस से लौटा है, हालांकि उसने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया.
दरअसल दुनियाभर की खबरों में दिखाया जा रहा है कि मामला ह्युमन ट्रैफिकिंग का है. हो सकता है कि इसकी वजह से ही वापस लौटे यात्रियों से मीडिया से बचने की कोशिश की होगी. ये सभी यात्री चार दिनों तक फ़्रांस के वैट्री हवाई अड्डे पर फंसे रहे, क्योंकि उनके निकारागुआ जाने वाले चार्टर विमान को रोक दिया गया था. दरअसल अधिकारियों को एक गुप्त सूचना मिली थी कि वे सभी मानव तस्करी के संभावित शिकार हो सकते हैं. हालांकि विमान चलाने वाली कंपनी लीजेंड एयरलाइंस ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है.
276 यात्री मुंबई लौटे, 20 फ्रांस में ही मौजूद
विमान और यात्रियों को सोमवार को एक फ्रांसीसी न्यायाधीश ने जाने की अनुमति दे दी, लेकिन सिर्फ 276 यात्री ही वापस मुंबई आ सके. दरअसल 20 वयस्कों और पांच नाबालिगों ने यूरोपीय देश में शरण मांगी थी. अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत शरण चाहने वालों को उनके मूल देश में वापस नहीं भेजा जा सकता. वहीं जिन दो लोगों से अधिकारियों ने पूछताछ की थी, उन्हें भी रिहा कर दिया गया, लेकिन वे आज वापस नहीं लौटे. उनके वकील ने कहा कि उन्हें फ्रांस से जाने की परमिशन दे दी गई है.
मध्य अमेरिका में निकारागुआ आप्रवासियों के लिए अवैध रूप से अमेरिका में घुसने की एक बढ़िया जगह है. अमेरिकी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023 में करीब 97,000 भारतीयों ने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 51.61 प्रतिशत अधिक है. अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा गश्ती (सीबीपी) के आंकड़ों से पता चलता है कि उनमें से कम से कम 41,770 भारतीयों ने मैक्सिकन लैंड बॉर्डर पार करके अमेरिका में घुसने की कोशिश की. दरअसल निकारागुआ ऐसी जगह है, जहां कोई भी आसानी से जा सकता है, इनको डंकी फ्लाइट्स कहा जाता है.
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