- संसद से पारित विकसित भारत जी राम जी बिल पर जल्द ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मुहर लगने की संभावना है.
- कांग्रेस सांसद की अध्यक्षता वाली संसदीय स्थाई समिति ने बिल की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई है.
- समिति की बैठक में ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों से नए बिल और मनरेगा की तुलना की जानकारी मांगी जाएगी.
संसद से पारित विकसित भारत जी राम जी बिल पर जल्द ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मुहर लगने की संभावना है, इसके बाद ये क़ानून बन जाएगा. हालांकि इस पर जारी सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. बिल को भले ही किसी संसदीय समिति के पास नहीं भेजा गया लेकिन अब कांग्रेस सांसद की अध्यक्षता वाली संसदीय स्थाई समिति ने बिल की समीक्षा करने का फ़ैसला किया है.
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कांग्रेस ने बुलाई संसद की स्थाई समिति की बैठक
मनरेगा की जगह लाए जाने वाली स्कीम को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिल गई है, लेकिन इससे जुड़ा विकसित भारत जी राम जी बिल विवादों में घिर गया है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल नए बिल का विरोध कर रहे हैं. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने पुराने मनरेगा योजना पर बुलडोजर चला दिया है. अब इस मुद्दे पर संसद की स्थाई समिति की बैठक बुलाई गई है.
नया बिल मनरेगा से कैसे अलग है?
ग्रामीण विकास मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थाई समिति ने संसद से पारित नए बिल की समीक्षा करने का फ़ैसला किया है. संसदीय समिति ने 29 दिसंबर को अपनी बैठक बुलाई है, जिसमें ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों को जी राम जी बिल के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए बुलाया गया हैं. बैठक के एजेंडे के मुताबिक जी राम जी बिल के बारे में जानकारी देने के अलावा ये भी जानकारी मांगी गई है कि तुलनात्मक तौर पर नया बिल मनरेगा से कैसे अलग है. वैसे यहां ये बात बताना ज़रूरी है कि चूंकि बिल अब संसद से पारित हो चुका है इसलिए समिति की किसी सिफारिश का बिल पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा.
कांग्रेस ने जी राम जी बिल के खिलाफ़ खोला मोर्चा
ये महज संयोग की बात नहीं है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय से जुड़ी इस समिति के अध्यक्ष कांग्रेस के ही सांसद हैं. उड़ीसा से कांग्रेस के इकलौते लोकसभा सांसद सप्तगिरि शंकर उलाका इस समिति के अध्यक्ष हैं. ज़ाहिर है 29 दिसंबर की बैठक में अधिकारियों से कई सवाल पूछे जाएंगे. दरअसल कांग्रेस पार्टी ने जी राम जी बिल के खिलाफ़ पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि बिल के खिलाफ़ लड़ाई जारी रहेगी ताकि सरकार को इसे वापस लेने के लिए बाध्य किया जा सके.
मोदी सरकार पर कांग्रेस का आरोप
27 दिसंबर को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाई गई है, जिसमें इस बिल के खिलाफ़ विरोध के आगे की रूपरेखा तैयार की जा सके. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक वीडियो संदेश के ज़रिए मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ने बिना किसी से विचार विमर्श किए ही मनरेगा पर बुलडोजर चलाने का फ़ैसला कर लिया. सोनिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने न सिर्फ़ मनरेगा का नाम बदला है बल्कि उसका स्वरूप भी बदल दिया है जो ग़रीबों और वंचितों के हितों के खिलाफ है.














