छोटे लघु उद्योग संघ ने कहा है कि आज देश में 1.25 करोड़ से 1.5 करोड़ MSME यूनिट्स हैं जो फाइनेंसियल स्ट्रेस झेल रही हैं, वित्तीय संकट में फांसी हैं. अब ये सेक्टर चाहता है कि वित्त मंत्री इस साल के बजट में MSME सेक्टर के लिए एक राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज (Fiscal Stimulus Package) का ऐलान करें. मंगलवार को उद्योग पर संसद की स्थायी समिति ने छोटे और लघु उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ इस संकट पर लंबी चर्चा की. देश के करोड़ों छोटे और लघु उद्योग अब भी कोरोना संकट की मार झेल रहे हैं. मंगलवार को उद्योग पर संसद की स्थायी समिति के सामने छोटे और लघु उद्योग के प्रतिनिधियों ने इस संकट से जुड़े तथ्य पेश किये. सूत्रों के मुताबिक 20% से 30% सूक्षम औद्योगिक इकाइयां गंभीर संकट से जूझ रही हैं और इन्हें तत्काल सरकार से संरक्षण की जरूरत है. पिछड़े ग्रामीण इलाकों में बैंकों से इन्हे ऋण आसानी से नहीं मिल पा रहा है. देश में करीब 6 करोड़ छोटे-लघु और माध्यम उद्योग की इकाइयां हैं जिनमें करीब 92% सूक्ष्म हैं.
छोटे लघु उद्योग संघ के सेक्रेटरी जनरल अनिल भरद्वाज कहते हैं कि वित्तीय संकट का दायरा काफी बड़ा है. उन्होंने NDTV से कहा, 'हमारा अनुमान है कि 1.25 से 1.5 करोड़ MSME यूनिट्स हैं जो आज फाइनेंसियल स्ट्रेस झेल रही हैं, वित्तीय संकट में फांसी हैं.'
एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑन स्टार्टअप्स के चेयरमैन कहते हैं कोरोना काल में छोटे लघु उद्योगों को क्रेडिट की सुविधा मुहैया करने के लिए 3 लाख करोड़ की क्रेडिट गारंटी स्कीम सरकार लायी थी लेकिन इसमें से बैंकों ने अभी तक करीब 2 लाख करोड़ ही सैंक्शन किया है.
एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑन स्टार्टअप्स के चेयरमैन अनिल खेतान ने NDTV से कहा, 'मेरे हिसाब से आज देश में ऑर्गेनाइज्ड MSME (छोटे और लघु उद्योग) सेक्टर में पांच से छह लाख यूनिट हैं जो अभी बंद पड़े हैं. इसमें मैं उन छोटे और लघु उद्योगों को नहीं गिन रहा हूं जो घरों में लोग चलाते हैं. उदाहरण के लिए जैसे महिलाएं घर में जो सिलाई बुनाई का काम करती हैं.'
छोटे लघु उद्योगों की मांग है कि वित्त मंत्री इस साल के बजट में वित्तीय संकट में फंसे MSME सेक्टर के लिए फिस्कल स्टिमुलस पैकेज का ऐलान करें.