संसद में विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच जारी गतिरोध के बीच केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि गतिरोध दूर करने के लिए चेयरमैन ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी चेयरमैन ने दो बार बैठक बुलाई. चेयरमैन ने खुद अपने मोबाइल फोन से सांसदों को बैठक में आने के लिए कहा, लेकिन विपक्षी पार्टियों ने उसका बहिष्कार कर दिया जो बिल्कुल उचित नहीं है. 5 पार्टियां आई लेकिन कांग्रेस सहित अन्य दल बैठक से दूर ही रहे यह दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसा लग रहा है कि वह लोग खुद चर्चा से भाग रहे हैं.
गौरतलब है कि राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध को दूर करने की पहल करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को विभिन्न दलों के नेताओं के साथ दो दौर की बैठक की. पहली बैठक में कई विपक्षी दलों के नेताओं ने बहिष्कार किया जबकि दूसरी बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), तृणमूल कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति, द्रविड़ मुनेत्र कषगम जैसे विपक्षी दल तो आए लेकिन कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि इसमें शामिल नहीं हुआ.उपराष्ट्रपति सचिवालय से जारी एक बयान के मुताबिक सभापति ने 23 मार्च की सुबह सदन के नेताओं की एक और बैठक बुलाई है.
बताते चलें कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने सोमवार को आरोप लगाया था कि सरकार संसद में कामकाज नहीं होने देना चाहती है. कांग्रेस, द्रमुक, राजद, माकपा, भाकपा, राकांपा, जद(यू), आप, शिवसेना सहित कई दलों ने सोमवार की सुबह राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के कक्ष में बैठक की और जेपीसी की मांग पर उनकी रणनीति को लेकर समन्वय बनाया था.
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