राज्यसभा की 12 सीटों के लिए 3 सितंबर को उपचुनाव होना है. इनमें से असम, बिहार और महाराष्ट्र की 2-2 सीटों पर, जबकि मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, त्रिपुरा, ओडिशा और तेलंगाना की 1-1 सीटों पर वोटिंग होगी. 12 सीटों में से सिर्फ तेलंगाना को छोड़ कर बाकी सभी 11 सीटें BJP और NDA में उसके सहयोगियों के खाते में आने की पूरी संभावना है. अगर ऐसा हुआ, तो संसद के उच्च सदन की तस्वीर बदल जाएगी. BJP सदस्यों की संख्या जहां 100 के करीब हो जाएगी. वहीं. NDA भी बहुमत के आंकड़े से आगे निकल जाएगा.
NDA के पास कितनी सीटें?
राज्यसभा में फिलहाल 20 सीटें खाली हैं. सदस्यों की मौजूदा संख्या 225 है. यानी बहुमत का आंकड़ा 113 है. इनमें से BJP के पास 87 सांसद, NDA के पास 101 सांसद हैं. NDA को 6 मनोनीत और एक निर्दलीय सांसद का भी समर्थन हासिल है.
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INDIA अलायंस के कितने नंबर?
संसद के उच्च सदन राज्यसभा में 50 फीसदी से ज्यादा सांसद BJP के हैं. दूसरे नंबर पर कांग्रेस है. उसके पास 39 सांसद हैं. इन दोनों दलों के अलावा TMC के 17 सांसद, AAP और DMK के पास 10-10 सांसद हैं.
क्या है सीटों का समीकरण?
राज्यसभा उपचुनाव के बाद BJP की संख्या बढ़कर 97 और NDA की संख्या 112 पहुंच सकती है. मनोनीत और निर्दलीय को मिला कर NDA के पास 119 की संख्या होगी. उपचुनाव के बाद राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा 117 होगा. इस तरह NDA मनोनीत और निर्दलीय के सहारे बहुमत का आंकड़ा पार कर लेगा.
जम्मू-कश्मीर से सांसदों का स्थान रहेगा खाली
उपचुनाव के बाद राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से 4 और 4 मनोनीत सांसदों का स्थान खाली रहेगा. मनोनीत सांसदों के 4 रिक्त स्थानों को भरकर NDA अपनी संख्या और बढ़ा सकता है.
राज्यसभा की 15 सीटों पर में हुए थे चुनाव
इससे पहले राज्यसभा की 15 सीटों पर 27 फरवरी में चुनाव हुए थे. चुनाव में जमकर क्रॉस वोटिंग हुई. इससे BJP को हिमाचल और यूपी में 2 एक्स्ट्रा सीटें मिल गईं. राज्यसभा की कुल 56 सीटें खाली हुई थीं. इनमें सोनिया गांधी समेत 41 सदस्य निर्विरोध चुन लिए गए थे. इसके बाद यूपी की 10 सीटों, कर्नाटक की 4 और हिमाचल की एकमात्र राज्यसभा सीट पर वोटिंग हुई. इनमें से BJP ने 10, कांग्रेस ने 3 और सपा ने 2 सीटें जीतीं.
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कैसे होता है राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव?
किसी राज्य में राज्यसभा की जितनी सीटें खाली हैं, उन पर राज्य के विधायकों की संख्या के अनुसार वोट डाले जाते हैं. राज्यसभा के सदस्यों के लिए चुनाव में EVM का इस्तेमाल नहीं होता. बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाते हैं. वोटिंग के दौरान उम्मीदवार के नाम के आगे वरीयता लिखनी होती है. वोट डालने वाले विधायक, चुनाव कर्मियों द्वारा दी गई पेन से एक से चार तक की वरीयता का अंक लिख देते हैं.