संसद के मॉनसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है, इसके कारण सदन की कार्यवाही बुरी तरह से बाधित हो रही है. पेगासस और कृषि कानून के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ विपक्ष ने हमलावर रुख अख्तियार कर रखा है. सरकार के खिलाफ अपनी आगामी रणनीति तैयार करने के लिए विपक्ष ने संसद भवन में मीटिंग की. मीटिंग में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के अलावा कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे और अधीर रंजन चौधरी, शिवसेना के संजय राउत और आरजेडी के मनोज झा शामिल हुए बैठक में कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, एनसीपी, शिवसेना, आरजेडी, समाजवादी पार्टी (SP), सीपीआईएम, आप, सीपीआई, आईयूएमएल, आरएसपी, नेशनल कॉन्फ्रेस और एलजेडी के प्रतिनिधि ने हिस्सा लिया.
गौरतलब है कि संसद में विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार सुबह भी विपक्ष के नेताओं की ब्रेकफास्ट मीटिंग की थी. पेगासस मुद्दे के अलावा कोरोना महामारी को 'हैंडल' करने में सरकार की कथित नाकामी और किसान आंदोलन इस बैठक में चर्चा के अन्य मुद्दे थे. नए कृषि कानूनों के खिलाफ संसद तक 'सरप्राइज ट्रैक्टर मार्च' के करीब एक सप्ताह बाद 51 वर्षीय राहुल ने साइकिल की सवारी करके पेट्रो उत्पादों की बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया था. उन्होंने अन्य सांसदों से भी इसमें भागीदारी का आग्रह किया था.
तृणमूल कांग्रेस ने कहा- बाबुल सुप्रियो 'नाटक' कर रहे थे, बीजेपी ने साधी चुप्पी
इस दौरान कुछ अन्य नेता भी साइकिल पर सवारी करते नजर आए थे. तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, एनसीपी की सुप्रिया सुले, शिवसेना के संजय राउत और डीएमके की कनिमोझी उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने विपक्ष की इस मीटिंग में हिस्सा लिया. दरअसल, पेगासस के मुद्दे पर मॉनसून सत्र नहीं चल पा रहा है. सरकार विपक्ष पर आरोप लगा रही है, जबकि विपक्ष का कहना है कि सरकार अहम मसलों पर बहस के लिए तैयार नहीं है.