संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में हंगामा मानो रोज की बात हो गया है. मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हुआ है लेकिन विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण रोजाना की कार्यवाही स्थगित होने की नौबत आ रही है. पेगासस मुद्दे Pagasus scandal) पर सरकार और विपक्ष के बीच बना गतिरोध दूर नहीं हो पा रहा है और इसके कारण सदन की कार्यवाही टलने से करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है. लगातार हंगामे के मुद्दे पर गुरुवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने जमकर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि देश की जनता मुझसे पूछती है कि संसद क्यों नहीं चल रही है?
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स्पीकर ने कहा, 'जनता कहती है कि हंगामा कर रहे सांसद उनका करोड़ों रूपया क्यों बर्बाद कर रहे हैं. देश की जनता चाहती है कि संसद परम्पराओं और नियमों से चले. हंगामा कर रहे सांसदों का सदन में व्यवहार उचित नहीं है.वेल में आकर नारेबाजी और हंगामा करना संसदीय परम्पराओं के अनुरूप नहीं है.' उन्होंने कहा कि आप माननीय है, माननीय की तरह आचरण करें. कई दलों के नेता कभी वेल में नहीं आते, आप उनका अनुसरण करें.आज प्रश्नकाल में कई महत्वपूर्ण विषय हैं, जिसमें सरकार जवाबदेही तय होती है. सांसद कड़ी मेहननत करके प्रश्न लगाते हैं और फिर प्रश्न नहीं पूछते.
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इससे पहले, बुधवार को भी स्पीकर ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सांसदों से कहा था कि आपका तरीका ठीक नहीं है. सदन की गरिमा बनाए रखें, आपका तरीका बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा था कि आप सदन की मर्यादा तोड़ने और आसन का अपमान करने का प्रयास नहीं करें. यह उचित नहीं है.