Debate on Price rise in Parliament: संसद के मॉनसून सत्र में लोकसभा की कार्यवाही को लेकर जारी गतिरोध सोमवार को खत्म हो गया. सदन की कार्यवाही आज दो बार स्थगित होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर चार कांग्रेस सांसदों का निलंबन वापस ले लिया गया है. स्पीकर ने विपक्षी सांसदों को हिदायत दी है कि वे पोस्टर लेकर सदन में न आएं. गतिरोध खत्म होने के बाद लोकसभा में इस समय महंगाई के मुद्दे पर चर्चा चल रही है. इस दौरान मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. चर्चा की शुरुआत में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि देश में पिछले 14 महीने से महंगाई दर दहाई अंक में है. यह 30 साल में सबसे ज्यादा है. उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक आसमान छू रहा है. चावल, दही, पनीर और पेंसिल और शार्पनर जैसी दैनिक उपयोग की चीजों पर भी जीएसटी बढ़ा है. सरकार बच्चों को भी नहीं बख्श रही.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और सिंगापुर हर कहीं महंगाई बढ़ रही और लोग नौकरियां गंवा रहे हैं. ऐसी स्थिति में यदि गरीबों को दो वक्त का खाना मुफ्त में मिल रहा है तो क्या हमें पीएम का शुक्रिया अदा नहीं करना चाहिए. इस पर पलटवार करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि सब (चीजों) पर जीएसटी लगा दिया. ऐसे में गरीब क्या पीएम का आभार माने. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की काकोली घोष दस्तीदार ने कच्चा बैगन खाकर सदन में दिखाया और कहा कि महंगाई इतनी बढ़ गई है.एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सिलेंडर की कीमत डबल हो गई है. दूध और ब्रेड की कीमत को लेकर पीएम से देश पूछ रहा कि आखिर कीमतें इतनी क्यों बढ़ीं? कई राज्यो को मनरेगा का पैसा नही दिया गया. देश को बरबाद कर दिया. महंगाई के मुद्दे पर राज्यसभा में मंगलवार को चर्चा होनी है.
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