संसद ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष में 58,378 करोड़ रुपये के शुद्ध अतिरिक्त व्यय को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसका एक बड़ा हिस्सा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी (मनरेगा) कानून और उर्वरकों के लिए सब्सिडी पर खर्च किया जाएगा. सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के प्रथम बैच में 1.29 लाख करोड़ रुपये से अधिक के सकल अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी है, जिसमें से 70,968 करोड़ रुपये को बचत और प्राप्तियों से समायोजित किया जाएगा.
राज्यसभा ने मंगलवार को हंगामे के बीच संक्षिप्त चर्चा के बाद अनुदानों की अनुपूरक मांगों से जुड़े विनियोग (संख्याक तीन) विधेयक और विनियोग (संख्याक चार) विधेयक को लौटा दिया. उस समय सदन में विपक्षी सदस्य संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे.
हंगामे के बीच ही वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने विनियोग (संख्याक तीन) विधेयक और विनियोग (संख्याक चार) विधेयक पेश किए.
चर्चा में भाग लेने वाले अधिकतर सदस्य सत्ता पक्ष के थे क्योंकि विपक्ष के कई सदस्य सदन से निलंबित हैं. उपस्थित विपक्षी सदस्यों ने चर्चा में भाग नहीं लिया.
दोनों विनियोग विधेयकों पर हुई संयुक्त चर्चा में सदस्यों ने कहा कि इन विधेयकों से किसानों एवं गरीब लोगों को फायदा होगा. सदस्यों ने कहा कि इससे गरीब लोगों को मुफ्त अनाज योजना का लाभ मिलता रहेगा. कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया कि सरकार को रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर नैनो एवं जैव उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए.
चर्चा के जवाब में वित्त राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि उन्होंने विभिन्न सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों को नोट किया है. बाढ़ से प्रभावित तमिलनाडु राज्य को केंद्रीय सहायता दिए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य को उचित सहायता मुहैया करा रहा है.
उनके जवाब के बाद सदन ने दोनों विधेयक लौटा दिए और इसके साथ ही दोनों विनियोग विधेयकों को संसद की मंजूरी मिल गई. लोकसभा ने इसे पिछले हफ्ते ही मंजूरी दी थी.
अनुदान मांगों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में शुद्ध अतिरिक्त व्यय 58,378 करोड़ रुपये होगा. अतिरिक्त व्यय में उर्वरक सब्सिडी के लिए 13,351 करोड़ रुपये और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा लगभग 7,000 करोड़ रुपये का खर्च शामिल है.
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