पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शुक्रवार को हाजीपुर में चुनाव प्रचार में शामिल नहीं होने के लिए अपने भतीजे चिराग पासवान को जिम्मेदार ठहराया. इस सीट का प्रतिनिधित्व वर्तमान में पशुपति कुमार पारस कर रहे हैं लेकिन अब इस सीट पर चिराग पासवान चुनाव लड़ रहे हैं.
पारस ने कहा कि दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे चिराग ने कभी भी अपने चाचा के पास ‘‘आने और आशीर्वाद लेने की जहमत नहीं उठाई''. हाजीपुर से चिराग पासवान ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है.जब पारस से हाजीपुर में उनकी गैर मौजूदगी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कभी आमंत्रित नहीं किया गया''. इस सीट का प्रतिनिधित्व पहले रामविलास पासवान ने नौ बार किया था.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा तय किए गए सीट-बंटवारे के फॉर्मूले के अनुसार चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) बिहार में पांच सीट पर चुनाव लड़ रही है.
इस फॉर्मूले को लेकर पारस के सामने विकट स्थिति खड़ी हो गई थी और उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की थी, लेकिन उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ बने रहने का फैसला किया था.
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के प्रमुख पारस ने कहा, ‘‘मैं पटना हवाई अड्डे से केवल कुछ सौ मीटर की दूरी पर रहता हूं जहां चिराग लगभग हर दिन अपना हेलीकॉप्टर पकड़ने जाते हैं. उन्होंने कभी भी आकर मेरा आशीर्वाद लेने की जहमत नहीं उठाई. मेरी पार्टी के नेता बिहार में राजग उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं.''
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 12 मई को पटना में होने वाले रोड शो के बारे में पारस ने कहा, ‘‘पटना में प्रधानमंत्री का एक भव्य रोड शो होगा. राजग देश में 400 से अधिक लोकसभा सीट और बिहार में सभी 40 सीट जीतेगा.''