जज्बे को सलाम: हादसे में खुद हो गए पैरालाइज्ड, व्हीलचेयर पर बैठ 100 से ज्यादा मरीजों का किया ऑपरेशन

डॉक्टर जगवीर सिंह भरतपुर के एमजे हॉस्पिटल में आर्थो स्पेशलिस्ट हैं. वह पिछले साल नवंबर में पुणे में आयोजित अप एंड डाउन हिल्स 200 किमी साइकिल रेस में दुर्घटना ग्रस्त हो गए थे. पहाड़ी के ढलान से 70 किमी की स्पीड को कंट्रोल नहीं कर पाए और एक खंभे से टकरा गए. गंभीर चोट के कारण उनके सीने के नीचे का हिस्सा पैरालाइस्ड हो गया था.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
डॉ. जगवीर सिंह मरीजों को भी मोटिवेट करते हैं.
जयपुर:

अगर इंसान अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बना ले, तो उसके सामने जीवन की कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती है. राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले डॉक्टर जगवीर सिंह की कहानी ऐसी ही है. जगवीर सिंह हड्डियो के डॉक्टर हैं. नवंबर 2021 में एक हादसे की वजह से उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने व्हीलचेयर से ही 100 से अधिक मरीजों का ऑपरेशन और इलाज किया है. 

डॉक्टर जगवीर सिंह भरतपुर के एमजे हॉस्पिटल में आर्थो स्पेशलिस्ट हैं. वह पिछले साल नवंबर में पुणे में आयोजित अप एंड डाउन हिल्स 200 किमी साइकिल रेस में दुर्घटना ग्रस्त हो गए थे. पहाड़ी के ढलान से 70 किमी की स्पीड को कंट्रोल नहीं कर पाए और एक खंभे से टकरा गए. गंभीर चोट के कारण उनके सीने के नीचे का हिस्सा पैरालाइस्ड हो गया था. दोनों लंग्स भी डैमेज हो गए थे. वो 20 से 25 दिन तक आईसीयू में रहें.

58 साल के डॉक्टर जगवीर सिंह ने अपना इलाज पुणे, दिल्ली और अमेरिका तक करवाया. लेकिन उनके शरीर का निचला हिस्सा ठीक नहीं हो पाया. दुर्घटना के दो साल बाद डॉक्टर अपने निजी हॉस्पिटल में लौटे. मरीजों के ऑपरेशन करने के लिए अलग से अपने लिए नया व्हील चेयर मंगवाया और अब इस व्हील चेयर में बैठकर वो मरीजों का ऑपरेशन करते हैं.

चार महीनों में किए 55 ऑपरेशन 
NDTV से बात करते हुए डॉक्टर जगवीर सिंह ने बताया, "व्हीलचेयर पर बैठकर मैं चार महीनों में 55 ऑपरेशन कर चुका हूं. ज्वॉइंट रिपलेसमेंट, फीमर फिक्सेशन जैसे जटिल ऑपरेशन भी सफलता पूर्वक किए. इन चुके हैं."

डॉ. जगवीर सिंह कहते हैं, "लोगों को मेरी व्हीलचेयर के बजाय मेरी विल पावर को देखना चाहिए. जिंदगी चलते रहने का नाम है. काम करने का मौका और हौसला कभी नहीं छोड़ना चाहिए."

मरीज भी होते हैं मोटिवेट
डॉ. जगवीर सिंह मरीजों को भी मोटिवेट करते हैं. वह बताते हैं, "मैं जब व्हील चेयर पर बैठकर इलाज करने आता हूं, तो मरीज मुझे देखकर कुछ देर के लिए अपना दर्द भूल जाते हैं. मेरा यही मानना है कि जो चीज आपके पास है, उसमें खुशी मनाओ. आज जो आप हो उससे एक स्टेप आगे बढ़ना चाहिए. जिस दिन से मैंने मरीज देखना और ऑपरेशन करना शुरू किया, उस दिन से दिन पर दिन मेरा आत्मविश्वास बढ़ता गया." 

Advertisement

साइकिलिंग का जज्बा फिर से जागा
डॉ. सिंह यहीं तक नहीं रुके हैं. उनमें साइकिलिंग का जज्बा फिर जाग गया है. उन्होंने हैंड साइकिल मंगाई है. घर के गार्डन में ट्रैक बनवाया है, जिस पर वे प्रैक्टिस करते हैं. उनका कहना है कि जल्द ही वह सर्कुलर रोड पर हैंड साइकिलिंग करेंगे.

ये भी पढ़ें:-

36 साल से प्रेग्नेंट रहा शख्स, ऑपरेशन हुआ तो निकले जुड़वा बच्चे, 50 लाख में से एक के साथ ऐसा होता है

Advertisement


यूपी : जीभ की सर्जरी कराने आए ढाई साल के बच्चे का डॉक्टर ने कर दिया खतना, जांच के आदेश

Featured Video Of The Day
UP By Election Exit Poll: UP में जहां सबसे अधिक मुसलमान वहां SP को नुकसान | Party Politics | UP News
Topics mentioned in this article