Pappu Yadav Ranjeet Ranjan Lawrence Bishnoi Story: पप्पू यादव (Pappu Yadav) आजकल लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) के कारण काफी सुर्खियों में हैं. इस बीच उनकी सांसद पत्नी रंजीत रंजन (Ranjeet Ranjan) ने खुलासा किया है कि वो पप्पू यादव से डेढ़-दो सालों से अलग हो गई हैं. दोनों के बीच काफी मतभेद हैं. पप्पू यादव के लॉरेंस बिश्नोई पर दिए बयान से उनका और उनके बच्चों का कोई लेना-देना नहीं है. रंजीत रंजन का यह बयान पप्पू यादव के लिए बड़ा झटका है.इससे साफ होता है कि दोनों के बीच सुलह की सारी कोशिशें समाप्त हो गईं हैं. हालांकि, इन दोनों की शादी भी काफी फिल्मी रही है.
ये नब्बे का दौर था. पप्पू यादव ने अपनी आत्मकथा ‘द्रोहकाल का पथिक' में बताया है कि उनकी प्रेम कहानी बड़ी मुश्किल भरी थी. रंजीत से लेकर उनका परिवार पप्पू यादव को अपनाने को तैयार नहीं था.एक बार तो पप्पू यादव ने नींद की ढेरों गोलियां खाकर जान भी देनी की कोशिश की थी. फरवरी 1992 से शुरू हुई ये प्यार की कहानी अपने अंजाम शादी तक 1994 में पहुंची. पप्पू यादव अक्सर अपनी पत्नी की तारीफ करते रहे हैं. वो काफी खुश होकर अपनी पत्नी और प्रेम विवाह के बारे में बताते रहे हैं.
पप्पू और रंजीत का प्यार
साल 1991 में पप्पू यादव पटना की जेल में बंद थे. उस दौरान अक्सर वे जेल सुपरिटेडेंट के आवास से सटे मैदान में लड़कों को खेलते देखा करते थे. इन्हीं लड़कों में एक विक्की था.विक्की रंजीत का भाई है. पप्पू की विक्की से नजदीकियां बढ़ गईं. एक दिन पप्पू को विक्की ने अपनी फैमिली एलबम दिखाई. इसमें रंजीत की टेनिस खेलती तस्वीर थी. इसे देखते ही पप्पू यादव को रंजीत से प्यार हो गया.पप्पू ने पहली बार रंजीत को पटना क्लब में देखा था.पटना के मगध महिला महाविद्यालय से पढ़ने के बाद रंजीत ने पंजाब विश्वविद्यालय में एडमिशन ले लिया और वहीं टेनिस की प्रैक्टिस करने लगीं. वे नेशनल व इंटरनेशनल टेनिस खेलतीं थी. पिता सेना से रिटायर होने के बाद गुरुद्वारे में ग्रंथी हो गए थे.
रंजीत को पप्पू नहीं थे पसंद
पप्पू ने रंजीत के लिए पटना से पंजाब तक के चक्कर लगाने शुरू कर दिए. यह सिलसिला करीब दो साल तक चलता रहा. कुछ महीनों तक तो रंजीत को इसका पता तक नहीं चला. जब पता चला तो उन्होंने साफ तौर पर पप्पू यादव को मना कर दिया. मगर पप्पू नहीं माने. बात परिवार तक पहुंची. पप्पू के माता-पिता तो राजी हो गए, लेकिन रंजीत के माता-पिता राजी नहीं थे. पप्पू यादव को और कुछ नहीं सूझा तो रंजीत के बहन-बहनोई को मनाने की कोशिश करने लगे,लेकिन वहां भी दाल नहीं गली.प्यार में हताश पप्पू ने नींद की ढेरों गोलियां खा लीं. हालत इतनी बिगड़ी कि इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराना पड़ा. इसके बाद रंजीत और उनका परिवार पप्पू के प्रति थोड़ा उदार हुआ लेकिन शादी के लिए फिर भी मनाही थी.
ऐसी बिगड़ी बात
फिर किसी ने पप्पू यादव को बताया कि रंजीत का परिवार कांग्रेसी नेता एसएस अहलूवालिया को बहुत तरजीह देता है. पप्पू किसी तरह संपर्क निकालकर उनके पास पहुंचे और अपने दिल का हाल सुनाया. अहलूवालिया पिघल गए और रंजीत के घरवालों से बात करने का वादा कर दिया. अहलूवालिया के समझाने पर रंजीत के घर वाले मान गए और 1994 में दोनों की शादी हो गई. इस शादी में पूरा पूर्णिया सजा हुआ था. लालू यादव, डीपी यादव सहित कई लोग पहुंच थे और उस शादी की चर्चा पूरे बिहार में हुई थी. रंजीत डेढ़-दो साल से पप्पू यादव से अलग रह रहीं हैं,लेकिन न तो पप्पू यादव ने इसे सार्वजनिक किया था और न ही रंजीत ने. लॉरेंस बिश्नोई से उलझने के बार रंजीत ने ये ऐलान किया है तो जाहिर सी बात है रंजीत लॉरेंस बिश्नोई गैंग की धमकियों को गंभीरता से ले रही हैं.
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