मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव रद्द, जानिए नामांकन दाखिल करने वालों का अब क्या होगा

4 दिसंबर को राज्य चुनाव आयोग ने मप्र में 52 जिलों में जिला पंचायतों के 859 पदों, 313 जनपद पंचायतों के तहत 6,727 पदों, 22,581 ग्राम पंचायतों के सरपंचों और गांव के 3,62,754 पंयाचत सदस्य पदों के लिए तीन चरणों (जनवरी और फरवरी) में चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की थी.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
23 दिसंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा ने बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं कराने का प्रस्ताव पारित किया था.
भोपाल:

राज्य चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश में जनवरी-फरवरी 2022 में तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव रद्द कर दिए हैं. दो दिन पहले मप्र सरकार ने राज्य में पंचायत चुनाव कराने के लिए पारित अध्यादेश को वापस ले लिया. राज्य चुनाव आयोग कानूनी राय लेने के बाद पूरी पंचायत चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने के निर्णय पर पहुंचा. राज्य चुनाव आयोग के सचिव बीएस जमोद ने बताया कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया को रद्द करने का निर्णय लिया गया है. जिन उम्मीदवारों ने पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है, उनके द्वारा जमा की गई सुरक्षा राशि संबंधित उम्मीदवारों को वापस कर दी जाएगी.

MP: पंचायत चुनावों में OBC कोटे के पेंच के बीच CM शिवराज ने कांग्रेस के समर्थन से निकाला यह रास्‍ता..

बता दें कि 4 दिसंबर को राज्य चुनाव आयोग ने मप्र में 52 जिलों में जिला पंचायतों के 859 पदों, 313 जनपद पंचायतों के तहत 6,727 पदों, 22,581 ग्राम पंचायतों के सरपंचों और गांव के 3,62,754 पंयाचत सदस्य पदों के लिए तीन चरणों (जनवरी और फरवरी) में चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की थी. लेकिन ओबीई आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने वोटों के सारणीकरण और पंचायत चुनावों के परिणामों की घोषणा को स्थगित करने का फैसला किया था. 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर मतदान प्रक्रिया पर रोक लगा दी और इन सीटों को सामान्य श्रेणी की सीटों के रूप में फिर से अधिसूचित किया.

मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव तीन चरणों में, जानिए कब होगा मतदान और कब आएगा परिणाम
राज्य की 50% से अधिक आबादी के साथ ओबीसी आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया के रुकने से राज्य में एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने एक दूसरे को इसके लिए दोषी ठहराया था. जिसके मद्देनजर 23 दिसंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा ने बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं कराने का प्रस्ताव पारित किया था.

मध्‍य प्रदेश: कैबिनेट में पंचायत चुनाव रद्द करने का प्रस्‍ताव पारित, बढ़ते कोरोना केस के चलते फैसला

Featured Video Of The Day
Rahul Gandhi ने Press Conference में क्यों किया Brazlilian Model का जिक्र ? | Election Commission
Topics mentioned in this article